भगवान के डाकिए कविता का भावार्थ कवि परिचय के साथ अपने शब्दों में लिखिए
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भगवान के डाकिए कविता में कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने पक्षी और बादलों को भगवान के डाकिए कहा है। उनके अनुसार ये एक देश के संदेशों को दूसरे देश तक पहुंचाते हैं। भले ही हम उनके पत्रों को ना समझ पाएं, लेकिन पर्वत, पेड़-पौधे और पानी आदि इनकी चिट्ठियां आसानी से पढ़ लेते हैं। कवि के अनुसार, हवाओं में तैरते बादल और बादलों पर उड़ते पक्षी एक देश की खुशबू और भाप को दूसरे देश तक ले जाते हैं।
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