Hindi, asked by vinayakparamjeet, 8 months ago

भगवान के डाकिए कविता का मूल भाव लिखो class 8​

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Answered by siyaparv
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इस कविता में कवि पक्षियों और बादलो को भगवान का डाकिया मानते हैं। व्याख्या – कवि कहते हैं कि आकाश में उड़ते पक्षी और बादल भगवान का सन्देश लेकर आये हुए उसके डाकिए हैं। जो एक देश से दूसरे देश को उड़ते रहते हैं। इन डाकियों का सन्देश हम समझ नहीं पाते।
Answered by crkavya123
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Answer:

इस कविता में कवि पक्षियों और बादलो को भगवान का डाकिया कह रहें हैं।

कवि का दावा है कि आकाश में बादल और पक्षी उसके दूत हैं, जो प्रभु के संदेश को ले जाते हैं। वे अक्सर देशों में यात्रा करते हैं। हम इस पोस्ट द्वारा की जा रही बात को समझने में विफल हैं।

Explanation:

भगवान के डाकिए भावार्थ: भगवान के डाकिए कविता की इन पंक्तियों में कवि कहते हैं कि आकाश में तैरते बादल और पक्षी ईश्वर के दूत हैं। वे एक देश से दूसरे देश जाते हैं और विशेष संदेशों का आदान-प्रदान करते हैं। हम इस संदेश को नहीं समझते हैं, लेकिन पहाड़, पानी, पेड़-पौधे आदि भगवान के संदेश को अच्छी तरह समझते हैं।

भगवान के डाकिए कविता का सारांश :कवि रामधारी सिंह दिनकर जी ने अपनी कविता "भगवान का डाकिया" में पक्षियों और बादलों को भगवान के डाकिया कहा है। उनका दावा है कि वे एक देश से दूसरे देश में संकेतों का संचार करते हैं। जबकि मनुष्य उसके अक्षरों की व्याख्या करने में असमर्थ हैं, पहाड़, पेड़, पौधे, और पानी, अन्य बातों के अलावा, कर सकते हैं। कवि का दावा है कि बादलों पर उड़ते हुए पक्षी और उड़ते हुए बादल एक राष्ट्र की गंध और धुंध को दूसरे देश में पहुँचाते हैं।

अतः  संसार में मिलजुलकर रहना चाहिए।

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