भगवान की मूर्ति पर जल चढाना तथा नैवेध अर्पण करना भक्त को क्यों अनुचित दिखाई देता हैं?
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देवी-देवताओं के निवेदन के लिए जिस भोज्य द्रव्य का प्रयोग किया जाता है, उसे नैवेद्य कहते है। उसे अन्य नाम जैसे भोग, प्रसाद, प्रसादी आदि भी कहा जाता है। किसी भी देवता/मूर्ति को चढ़ाई हुई या भेंट की गई खाद्य वस्तु को भोग या नैवेद्य कहते है।
यहां पाठकों के लिए प्रस्तुत है देवताओं को नैवेद्य अर्पित करने के कुछ नियम, जिन्हें अपना कर आप भगवान की कृपा प्राप्त कर सकते है।
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