Sociology, asked by Anonymous, 10 months ago

भगवान के नाम अपने भाव से भरा एक पत्र लिखो। ​

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Answered by rjcheez
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Answer:

pry God ,

Wishay - Covid -19 ke sambandh ME.

ME aap se is pakar se in time karta hu ki mere jo Indian people hai WAH kuch Jayada hi is viruse se paresan ho gaya hai use math nahi aa raha hai ki WAH kya kare, WAH aapka bahut bara bhat hai isliye WAH hawan karta rahe hai aap in par apna dya frosty kyo nahi dikhata hai hai aap is abroait wale ko bata dijye ki Hindustani ke under aata hai hai god ke upar aap bachchhe Ka itna intjar kyo le rahi hai very aap se yahi won't hai ki aap ise jaldi so jaldi thik kar de taki Sab apne denim kam par lag gaye.

I hope you undarstant....

Answered by Anonymous
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प्रिय ईश्वर,

आज जमाने बाद किसी को पत्र लिखने बैठी हूँ। आप तो जानते ही हो कि अरसा हुआ, खतो-किताबत का चलन तकरीबन खत्म हुए। आज संवाद के दूसरे त्वरित माध्यम मौजूद हैं। मगर चिठ्ठी लिखने का अपना ही आनंद है। इस आनंद को आज मैं महसूस कर पा रही हूँ और इसके लिए आपकी आभारी हूँ।

प्यारे ईश्वर, तुमसे कई बातें करनी हैं। तुम्हारे और तुम्हारी बनाई दुनिया के बारे में। मेरी कुछ जिज्ञाएँ हैं, कुछ सवाल हैं। कई ऐसी बातें हैं, जिन्हें मैं समझ ही नहीं पाती, पर समझना चाहती हूँ... आपने अपनी संतानों का भाग्य इतना विविधितापूर्ण क्यों लिखा कि एक आदमी दिन भर तपते सूरज तले पत्थर तोड़ता है और दूसरा, एसी दफ्तर में फाइलों में चिड़िया बिठाने का काम करता है? अपनी संतानों को इतने भेदभावपूर्ण तरीके से तो मनुष्य भी नहीं पालता, आप तो ईश्वर हैं भाई! क्यों कुछ लोग कत्ल होने और कत्ल करने के लिए पैदा होते हैं? आपकी इस दुनिया में इतना शोषण, अन्याय और भूखमरी क्यों है? आपकी सगी संतानें जाति-धर्म, प्रांत-भाषा, रंग-रूप और न जाने किन-किन बातों पर लड़ती हैं, एक- दूसरे से नफरत करती हैं, आप ऐसा होने ही क्यों देते हो?... अपनी तरह नहीं, एक दर्दमंद इंसान की तरह मेरी बातों पर गौर करना।

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