Hindi, asked by faiyaz4141, 7 months ago

भगवाना के समान बहुत से लोग अंधविश्वास के चलते मौत के मुंह में चले जाते है इस कथन को ध्यान में रखते हुए अंधविश्वासों को दूर करने के कुछ सुझाव दीजिए​

Answers

Answered by vasudhakumari
7

Explanation:

अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।

अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।जो लोग अंधविश्वासों को मानते हैं वे डरे हुए ही जीवन गुजार देते हैं, लेकिन साहसी लोग अपनी बुद्धि और समझ पर भरोसा करते हैं। दूसरे वे लोग भी नहीं डरते हैं जिन्होंने किसी एक को अपना ईष्ट बना रखा है चाहे वह हनुमानजी हो या कालिका माता, राम हो या कृष्ण, शिव हो या विष्णु।

अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।जो लोग अंधविश्वासों को मानते हैं वे डरे हुए ही जीवन गुजार देते हैं, लेकिन साहसी लोग अपनी बुद्धि और समझ पर भरोसा करते हैं। दूसरे वे लोग भी नहीं डरते हैं जिन्होंने किसी एक को अपना ईष्ट बना रखा है चाहे वह हनुमानजी हो या कालिका माता, राम हो या कृष्ण, शिव हो या विष्णु।

अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।जो लोग अंधविश्वासों को मानते हैं वे डरे हुए ही जीवन गुजार देते हैं, लेकिन साहसी लोग अपनी बुद्धि और समझ पर भरोसा करते हैं। दूसरे वे लोग भी नहीं डरते हैं जिन्होंने किसी एक को अपना ईष्ट बना रखा है चाहे वह हनुमानजी हो या कालिका माता, राम हो या कृष्ण, शिव हो या विष्णु। ढेरों विश्वास या अंधविश्वास हैं जिनमें से कुछ का धर्म में उल्लेख मिलता है और उसका कारण भी, लेकिन बहुत से ऐसे विश्वास हैं, जो लोक-परंपरा और स्थानीय लोगों की मान्यताओं पर आधारित हैं। हालांकि इनमें से कुछ विश्वासों को अनुभव पर आधारित माना जाता है। अनुभव भी बहुत कुछ सिखाता है।

Answered by pradyun2007
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अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।

अंधविश्वास आपको कर्महीन और भाग्यवादी बनाते हैं। हमारे समाज में कुछ ऐसी मान्यताएं प्रचलित हैं जिन्हें अंधविश्वास कहा जाता है। हालांकि कुछ लोगों के लिए यह आस्था का सवाल हो सकता है। हम यह नहीं जानते कि सत्य क्या है, लेकिन इन अंधविश्वासों के कारण भारत की अधिकांश जनता वहमपरस्त बनकर निर्णयहीन, डरी हुई और धर्मभीरू बनी हुई है।जो लोग अंधविश्वासों को मानते हैं वे डरे हुए ही जीवन गुजार देते हैं, लेकिन साहसी लोग अपनी बुद्धि और समझ पर भरोसा करते हैं। दूसरे वे लोग भी नहीं डरते हैं जिन्होंने किसी एक को अपना ईष्ट बना रखा है चाहे वह हनुमानजी हो या कालिका माता, राम हो या कृष्ण, शिव हो या विष्णु।

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