भगवान कृष्ण जब शांति दूत बनकर जाते है तो अंतिम प्रयास के तौर पर हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र को केवल पाँच गांव पाण्ंडवो को देने हेतु कहते है जिसमे से चार का नाम है अविस्थल, वृकस्थल, माकन्दी, वरणावत है पांचवा गांव का क्या नाम है?
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भगवान कृष्ण जब शांति दूत बनकर जाते है तो अंतिम प्रयास के तौर पर हस्तिनापुर नरेश धृतराष्ट्र को केवल पाँच गांव पाण्ंडवो को देने हेतु कहते है जिसमे से चार का नाम है अविस्थल, वृकस्थल, माकन्दी, वरणावत है पांचवा गांव का क्या नाम है?
जब भगवान श्री कृष्ण शांति दूत बनकर अंतिम प्रयास के तौर पर हस्तिनापुर में धृतराष्ट्र के पास जाते हैं, तब वह धृतराष्ट्र को युधिष्ठर का संदेश द्वारा भेजा गया एक संदेश देते हैं, जिसमें में वे पाँच गाँव को देने की मांग करते हैं। उन 5 गांव में उन्होंने चार के नाम स्पष्ट कर दिए थे और पांचवे गाँव के रूप में कोई भी एक गाँव देने की मांग की थी।
व्याख्या :
श्रीकृष्ण कहते है....
'अविस्थलंवृकस्थलं माकन्दीं वारणावतम्, अवसानं भवत्वत्र किंचिदेकं च पंचमम्'
अर्थात हमें अविस्थल, वृकस्थल, वरणावत और माकन्दी ये चार गाँव दे दो, और पांचवा कोई भी एक गाँव दे दो। हम उन पाँच गाँवों से ही संतुष्ट हो जायेंगे।
इस बात से स्पष्ट हो रहा है कि युधिष्ठर के संदेश के रूप में श्री कृष्ण ने धृतराष्ट्र को चार गाँव के नाम बता दिए थे और पांचवाँ कहां कोई भी गांव देने की मांग की थी।