भगवन्! त्वदीय-भक्तिं न कदापि विस्मरेयम्। निज-देश-जाति-सेवाऽसक्तो हरे भवेयम्॥ हिन्दी अनुवाद
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Answer:भगवन्! त्वदीय-भक्तिं न कदापि विस्मरेयम्। निज-देश-जाति-सेवाऽसक्तो हरे भवेयम्॥ हिन्दी अनुवाद
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