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Bhagwan Ke Dakiye (भगवान के डाकिए) | Vasant | NCERT Solution | Class 8Published by sharyaacademy on November 3, 2019
प्र॰1 कवि ने पक्षी और बादल को भगवान के डाकिए क्यों बताया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – कवि ने पक्षी और बादल को भगवान् के डाकिए इसलिय माना है क्योंकि ये संदेशो को एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुचाने में सहायता करते हैं। बादल शीतलता का सन्देश देते हैं और पक्षी अपने पंखो पर सुगन्धित वायु को लेकर एक देश से दूसरे देश जाते हैं।
प्र॰2 पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिट्ठियों को कौन-कौन पढ़ पाते हैं? सोचकर लिखिए।
उत्तर – पक्षी और बादल द्वारा लाई गई चिटिठयॉँ पेड़-पौधे, पानी और पहाड़ ही पढ़ पाते हैं, वही उनकी भाषा को समझ पाते हैं।
प्र॰3 इन पंक्तियों का क्या भाव है-
क. पक्षी और बादल प्रेम, सद्भाव और एकता का संदेश एक
देश से दूसरे देश को भेजते हैं।
ख. प्रकृति देश-देश में भेदभाव नहीं करती। एक देश से उठा
बादल दूसरे देश में बरस जाता है।
उत्तर –
क: पक्षी और बादल भगवान के डाकिए हैं वे एक महादेश से दूसरे महादेश को जाते हैं।
ख: प्रकृति एक देश से दूसरे देश में भेद-भाव नहीं करती इसिलिए एक देश का भाप दूसरे देश में पानी बनकर बरसता है।
प्र॰4 पक्षी और बादल की चिट्ठियों में पेडे़-पौधे, पानी और पहाड़ क्या पढ़ पाते हैं?
उत्तर – हाँ, पढ़ पाते हैं। भगवान पूरे विश्व को एक मानकर अपना प्रेम सभी में बराबर बाँटते हैं। उनका ये प्रेम बादलों द्वारा पानी के रूप में धरती पर आता है। जो पढ़ पौधों में जीवन भरता है। इसे ही पेड़-पौधे पानी और पहाड़ पढ़ते हैं।
प्र॰5 “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है’’- कथन का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर – “एक देश की धरती दूसरे देश को सुगंध भेजती है”, से कवि का भाव यही कि एक देश की धरती दूसरे देश को प्यार और सौहार्द भेजती है। यहाँ ‘सुगंध’ भाईचारे का प्रतीक है और ‘गंध’ प्यार का।