Hindi, asked by raoatchut191, 1 year ago

"bhagwan ki upasana sachhe hriday se ki jati hai na ki taat baat aur aadambaron se "
is bhavana ko darshane vaali kisi kavitha ka sangrah kariye
plssssssssss answer its very urgent

Answers

Answered by akshatboy
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तुम्हें मैंने आह! संख्यातीत रूपों में किया है याद
सदा प्राणों में कहीं सुनता रहा हूं तुम्हारा संवाद
–बिना पूछे, सिद्धि कब?
इस इष्ट से होगा कहां साक्षातकौन-सी वह प्रात,
 जिसमें खिल उठेगी क्लिन्न,
सूनी शिशिर-भीगी रात?चला हूं मैं;
 मुझे संबल रहा केवल बोध–पग-पग आ रहा हूं पास;
रहा आतप-सा यही विश्वासस्नेह के मृदुघाम से गतिमान रखना निबिड़मेरे सांस और उसांस।
आह, संख्यातीत रूपों में तुम्हें किया है याद!
                           plz mark it best

raoatchut191: MARKED AKSHAT
raoatchut191: MAAN GYE AAPKO
akshatboy: thnx dear
sumu1999: thnk u very much dude...................u saved me frm punishment :P
Answered by Anisha5119
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Answer:

Heya mate Here's your answer Mark it as brainliest Follow me Xd

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