Bhagwana ki Maa ke liye naya kafan kharidna kya Uchit tha-is Vishay Mein Apne vichar prakat Karen
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मित्र भगवना की माँ का कफ़न खरीदना उचित भी है और अनुचित भी। यदि हम मानवता एवं आधुनिकता की दृष्टि से देखें तो उसका माँ का कफ़न खरीदना अनुचित है। क्योंकि उनके पास इसके लिए पैसे नहीं होते हैं। इसके अलावा यदि हम एक माँ की दृष्टि से देखें तो यह उचित था। क्योंकि एक माँ अपने बेटे की आखिरी आवश्यकता पूरी करना चाहती थी।
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Answer:वास्तव में भगवान की माँ धर्म संस्कार एवं परंपराओं को निभाने वाली महिलाएं जो यथासंभव प्रत्येक परंपरा का पालन करती है उससे परंपरा के विरुद्ध ना जाकर लोक लज्जा इलाज के विरुद्ध एक काम यह किया कि सूतक के दिनों में भी बच्चों एवं बहू की भूख शांत करने के लिए वह खरबूजे बिजली बाजार चली गई यह उसके व्यक्तित्व का अत्यंत क्रांतिकारी पक्ष है
बेटे की मृत्यु के बाद निराशा हताशा व असहाय माँ अपने पुत्र प्रेम की अधिकतम में मानसिक रूप से अव्यवस्थित हो जाती है संभवत भयंकर गरीबी एवं कारुणिक प्रस्तुति में भी दाने दाने को मोहताज होने के बावजूद अपने पुत्र प्रेम में भाव विभोर माँ अपने बेटे की अंतिम इच्छा को अच्छे से अच्छी तरह संपन्न करना चाहती है इस दृष्टि से नया कफ़न खरीदना भावनात्मक स्तर पर उचित था
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