Bhaiya laal kaa jivan paricjhay
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भैया लाल व्यास जी का जन्म 7 सितम्बर, सन 1918 (हिन्दू कैलेंडर के अनुसार भाद्रपद शुक्ल 2, संवत 1975) को हुआ था। इनका जन्म स्थान मध्यप्रदेश का छोटा सा गाँव दतिया हैं। इनके पिता जी का नाम बालकृष्ण व्यास था। लाल व्यास जी का जीवन बचपन से ही बड़ा संघर्षपूर्ण रहा हैं, इनका संघर्ष तब शुरू हुआ जब इनके बचपन में ही इनके पिता बालकृष्ण जी की मृत्यु हो गई। इनकी माता जी ने इन्हें बड़ी ही कठनाइयो से पाला, इनका घर बड़ी मुश्किल से चल पाता था।घर की बिगड़ी स्तिथि देखते हुई भैया लाल व्यास जी ने बचपन में ही छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिय, ताकि वह अपनी माता का हाथ बंटा सके। इन्होने दो-जून की रोटी कमाने के लिए कई काम किये तथा अपनी शिक्षा पर भी बहुत ध्यान दिया। व्यास जी साहित्य की और रूचि नें इन्हें 16 वर्ष की आयु में ही कवि बना दिया- भैया लाल व्यास जी बचपन से ही बहुत परिश्रमी थे, ऐसा ही परिश्रम इन्होंने अपनी शिक्षा के प्रति दिखाया। इन्होने अपनी प्रारम्भिक पढाई छतरपुर में मन लगाकर की तथा स्कूल के होशियार छात्रों में रहे। यहाँ इन्होने संस्कृत व हिंदी का गहन अध्ययन किया। पढाई के ही वक्त उनका मन हिंदी साहित्य की और झुक गया था, तथा वह साहित्य पढ़ने में रूचि लेन लगे। आगे चलकर उन्होंने अपनी रूचि के अनुसार नागरी प्रचारणी आगरा महाविद्यालय से साहित्य में ही एम. ए. किया।