भक्ति भावना से संबंधित छोटी सी कविता का सृजन कीजिए
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मानुष हों तौ वही रसखानि बसौं ब्रज गोकुल गाँव के ग्वारन।
जो पसु हौं तो कहा बसु मेरो चरौं नित नंद की धेनु मँझारन।
पाहन हौं तो वही गिरि को जो धर्यो कर छत्र पुरंदर धारन।
जो खग हौं बसेरो करौं मिल कालिंदी कूल कदंब की डारन।।1।।
जो रसना रस ना बिलसै तेहि देहु सदा निदा नाम उचारन।
मो कत नीकी करै करनी जु पै कुंज-कुटीरन देहु बुहारन।
सिद्धि समृद्धि सबै रसखानि नहौं ब्रज रेनुका-संग-सँवारन।
खास निवास लियौ जु पै तो वही कालिंदी-कूल-कदंब की डारन।।2।।
बैन वही उनको गुन गाइ औ कान वही उन बैन सों सानी।
हाथ वही उन गात सरै अरु पाइ वही जु वही अनुजानी।
जान वही उन आन के संग और मान वही जु करै मनमानी।
त्यौं रसखान वही रसखानि जु है रसखानि सों है रसखानी।।3।।
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Question:- भक्ति भावना दर्शाने वाली किसी कविता का संग्रह कीजिए⤵
Answer:⤵
भक्ति भावना जिसके मन और दिल में होमवर्क निकट नहीं आवे हमेशा सुखी रहे वे और भगवान का हाथ हमेशा उनके सर पर रहे हैं.भक्ति भावना से दूसरों की जो सहायता करें वह संसार में सबसे सुखी व्यक्ति होगे. भक्ति भावना से जो प्रार्थना करें उसे मिल जावे.
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