भक्तिन की सेवा धर्म में किस से तुलना की गई है और क्यों?
Answers
भक्तिन में सेवा भाव की तुलना धर्म में हनुमान जी से की गई है।
भक्तिन की सेवा भाव की तुलना हनुमान जी से इसलिए की गई, क्योंकि भक्तिन उसी तरह के निस्वार्थ भाव से सेवा करती थी, जिस तरह हनुमान जी श्री राम की सेवा निस्वार्थ, निष्कपट और निश्छल भाव से करते थे।
महादेवी वर्मा द्वारा लिखित कहानी ‘भक्तिन’ में लेखिका ने अपनी घरेलू सेविका के जीवन का चित्रण किया है। भक्तिन जिसका असली नाम लक्ष्मी था, वह बेहद गरीब महिला थी। इस कहानी में लेखिका ने अपनी घरेलू सेविका भक्तिन के जीवन का परिचय देते हुए उसके व्यक्तित्व के बारे में व्यक्तित्व का एक दिलचस्प चरित्र चित्रण किया है। वह एक संघर्षशील, स्वाभिमानी और कर्मठ महिला थी, और पुरुषों के वर्चस्व वाले समाज में अपनी और अपनी बेटी के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही। लेखिका कहती है कि भक्तिन में इनमें गजब की सेवा भावना थी।
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