Hindi, asked by ak5394534p4k1x6, 4 hours ago

भक्तिन के सन्दर्भ में हनुमान जी का उल्लेख क्यों हुआ है ?

1 point

क. हनुमान की भक्ति के कारण

ख. भक्तिन की निःस्वार्थ सेवा भावना के कारण

ग. हनुमान का भजन गाने के कारण

घ. इनमे से कोई नहीं​

Answers

Answered by SuhaanShaikh
0

Answer:

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Answered by mahighagargunde
1

Answer:

दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना.... इस भजन में जहां श्रीराम सर्वशक्तिमान और सर्वज्ञ हैं, वहीं बाल ब्रह्मचारी हनुमान ने अपनी निस्वार्थ भक्ति और अनन्य प्रेम से भगवान श्रीराम के दिल में ऐसी जगह बनाई कि दुनिया उन्हें प्रभु राम का सबसे बड़ा भक्त मानती है. हनुमान जी की भक्ति सामान्य नहीं थी अपितु परा भक्ति की श्रेणी में आती थी. उनके इसी निष्काम सेवा भक्ति से श्रीराम के अन्य भक्त हनुमान से जलते थे और समय-समय पर सवाल उठाते थे.हनुमान की भक्ति पर सवाल उठाने वालों में माता सीता भी रही हैं जिन्होंने हनुमान जी की सेवा और भक्ति से प्रसन्न होकर उन्हें अष्टसिद्धि तथा नवनिधि का दाता बनाया था. दरअसल बात उस समय की है जब लंका में रावण को परास्त करने के बाद प्रभु राम, माता सीता अपने भक्त और सेवक हनुमान के साथ अयोध्या वापस लौट चुके थे. प्रमु राम के आने की खुशी में पूरे अयोध्या में हर्षोल्लास का माहौल था, राजमहल में राज्याभिषेक की तैयारी चल रही थी, समस्त गुरुजनों की उपस्थिति में प्रमु राम को राजा बनाया जा रहा था.राज्याभिषेक के बाद अब वक्त था उन लोगों को उपहार देने का जिन्होंने प्रभु भक्ति का परिचय दिया था. जब हनुमान की बारी आई तब भगवान राम ने अत्यंत मूल्यवान मोतियों की माला अपने गले से उतारकर हनुमान जी को दी,जिसका मूल्य बहुत ज्यादा था.लेकिन इतनी मूल्यवान माला होने के बावजूद भी हनुमान जी ने उसे अपने दांतों से तोड़ दिया और एक-एक मोती लेकर बड़े ध्यान से देखने लगे. सभागार में मौजूद सभी लोग हनुमान के इस व्यवहार से अचंभित हो गए. माता सीता ने उनसे इसका कारण पूछा "इतनी मूल्यवान माला आपने ऐसे क्यों तोड़ डाली?" इस पर हनुमान जी ने उत्तर दिया कि जिस पदार्थ से उन्हें राम नाम की ध्वनि नहीं सुनाई देती वह वस्तु उनके लिए व्यर्थ है.

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