‘भक्तिन वाक्पटुता में बहुत आगे थी ।‘ ‘ भक्तिन’ पाठ के आधार पर उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
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भक्तिन वाकपटुता में बहुत आगे थी। अगर हम ‘भक्तिन’ पाठ के आधार पर विवेचन करें तो पाएंगे कि भक्तिन वाकपटुता में सबसे आगे थी, क्योंकि उसके हर बात का सही जवाब तुरंत तैयार रहता था, यानी वह हाजिर जवाब थी। एक बार जब पाठ की लेखिका ने उसको सिर मुंडाने से रोका तो उसका जवाब था कि ‘तीरथ गए मुंडाए सिद्ध’ यानी जो सर मुंडाता है वह तीरथ जाने के समान है। इसके अलावा जब उसके बनाए खाने पर किसी ने कटाक्ष किया तो उसने जवाब दिया वह कुछ अनाड़ी या फूछड़ नही। ससुर, पितिया ससुर, अजिया सास जैसे शब्दों के साथ उसने अपनी वाकपटुता के अनेक उदाहरण दे डाले थे।
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