Hindi, asked by jangradevashish760, 4 months ago

भक्ति - साधना और समाज सुधार - ये परस्पर विरोधी काम नहीं हैं। मुख्या बात यह नहीं है कि तुम समाज-सेवी हो या भक्त। देखने कि बात तो यह है कि तुम समाज-सेवा या भक्ति किस भाव से करते हो। यदि तुम्हारी सेवा-भावना निष्काम है तो तुम समाज-सेवी होते हुए भक्त हो। इसके विपरीत भक्त होने पर भी यदि वासना तुम्हारी पीछा नहीं छोड़ती तो तुम साधारण संसारी जीव हो। सभी मनुष्य सकाम नहीं होते। सकामता तो वहीं देखि जा सकती है जहाँ मनुष्य अपने स्वार्थ से प्रेरित होकर काम करता है। जिसका उद्देश्य स्वार्थ नहीं है, परमार्थ अथवा परोपकार है, उस पर तुम सकाम होने का दोष नहीं दे सकते। और विषमताएँ क्या मात्र आर्थिक हैं? उनसे कहीं विकराल विषमताएँ तो वे हैं जो निरे जन्म के आधार पर एक मनुष्य को उत्तम और दूसरे को अधम बताती हैं, एक को पूज्य और दूसरे को अस्पृश्य बताती हैं। जब तक यह दुर्ग नहीं टूटता, तब तक मनुष्य यह नहीं समझ पाता की जन्मता सभी मनुष्य समान हैं और सबको श्रेष्ठ एवं सुखी बनने का समान अधिकार हैं, तब तक समाज में फैली विषमताओं का अंत नहीं होगा। समाज में समता लाने के लिए उस रूढ़ि को समूल नष्ट करना होगा, उस परंपरा को निर्मूल बनाना होगा तो यह भाव जगाती हैं कि कर्म नहीं केवल जन्म के आधार पर कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति से श्रेष्ठ हो सकता हैं। (1) भक्ति-साधना और समाज-सुधार में परस्पर विरोधी कार्य कैसे नहीं हैं ? (2 अंक) (2) सकामता से क्या अभिप्राय हैं ? (2 अंक) (3) विषमताओं के कितने प्रकार हैं ? (2 अंक) (4) समाज में फैली विशमताएँ कैसे दूर की जा सकती हैं ? (2 अंक) (5) “विषमता” शब्द का उचित विपरीत छाँटिए - (1 अंक) (१) समता (२) असमानता (३) विभिनता (४) इनमें से कोई नहीं (6) "परोपकार" शब्द में उपसर्ग है - (1 अंक) (१) प (२) परि (३) पर (४) परी

Answers

Answered by shishir303
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(1) भक्ति-साधना और समाज-सुधार में परस्पर विरोधी कार्य कैसे नहीं हैं?

➲  भक्ति-साधना ओर समाज-सुधार में परस्पर विरोधी कार्य तब नही है, जब समाज सेवा निष्काम भाव से की जाये।

(2) सकामता से क्या अभिप्राय हैं?

➲  सकामता से अभिप्राय वासना से युक्त होना यानि जो व्यक्ति काम-वासना के पीछे भागते हैं, वो सकामता से युक्त हैं।

(3) विषमताओं के कितने प्रकार हैं?

➲  विषमताओं के अनेक प्रकार हैं, आर्थिक, अनार्थिक, सामाजिक, राजनीतिक आदि।

(4) समाज में फैली विषमताएँ कैसे दूर की जा सकती हैं?

➲   समाज में फैली विषमताओं को दूर करने के लिये समाज उन रुढ़ियों को दूर करना होगा, विषमता का भाव पैदा करती है।

“विषमता” शब्द का उचित विपरीत छाँटिए -

➲ विषमता का विपरीत शब्द होगा.... समता.

(6) "परोपकार" शब्द में उपसर्ग है

➲ परोपकार में उपसर्ग है... पर

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Answered by ak1974323
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Answer:

what types of society do you find good? Explain

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