bhakti ki mahima swamat in Hindi
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शुजालपुर। जहां भागवत कथा होती है, वहां सभी तीर्थ उपस्थित रहते हैं। भागवत की वाणी ही ईश्वर है। कथा श्रवण से मुक्ति मिलती है तथा श्रीहरि हृदय में विराजमान होते हैं, इसीलिए भगवान के भक्तों को भागवत कहा गया है। भक्त और भक्ति की महिमा भगवान से अधिक मानी गई है। उक्त बात रोकडिया हनुमान मंदिर चौराहे पर आयोजित भागवत कथा के दौरान वृंदावन से पधारे संत चंद्रहंस महाराज ने कही ।कथा के प्रथम दिन रोकड़िया सरकार सेवा समिति द्वारा आयोजित भागवत कथा का रहस्य बताते हुए आगे कहा कि गीता सूत्र है, रामायण भाग्य है। भागवत जीवन में आचरणीय होकर व्यवहारिक है, इसलिए जीवन में धर्म का आचरण करें। भागवत कथा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
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