भला आदमी वही है जो दूसरों की बहू बेटी को अपनी बहू बेटी समझे जो दृष्ट किसी मेहरिया की ओर ताके उसे गोली मार देनी चाहिए यह तुमने लाख रुपय की बात कर दी भाई बस सज्जन वही जो दूसरों की आबरू को अपनी आबरू समझे जिस तरह मरद के मर जाने से औरत अनाथ हो जाती है उसी तरह औरत के मर जाने से मरद के हाथ पाँव टूट जाते है मेरा तो घर उजड गया महतो कोई एक लोटा पानी देने वाला भी नहीं, इसके रचनाकार के नाम बताते हुए संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए
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sorry I didn't no answer
इसके रचनाकार के नाम बताते हुए संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या कीजिए:
संदर्भ प्रसंग: प्रश्न में दिया गद्यांश गोदान कहानी से लिया गया है| गोदान कहानी प्रेम चंद द्वारा लिखा गया है| गोदान, प्रेमचन्द का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण उपन्यास माना जाता है। गोदान ग्राम्य जीवन और कृषि संस्कृति का महाकाव्य है। गोदान साहित्य का उद्देश्य समाज मैंने फैली कुरीतियों को हटाना था| रामराज्य जैसे समाज की स्थापना करना था| समाज में अन्याय , अत्याचार , शोषण को खत्म करना था|
सहित व्याख्या: लेखक कहता है कि भला आदमी वही होता है जो दूसरों की बहु बेटिओं को अपने बेटियों जैसा समझते है| जो भी लोग किसी स्त्री को तंग करे या बुरी नजरों से देखे तो उसे हमें सज़ा देनी चाहिए| उसे दुनियां से नष्ट कट देना चाहिए| ऐसे दुष्ट लोगों को जीने का कोई हक नहीं है| यह बात सत्य है कही तुमने हमें सज्जन आदमी वही होता है जो स्त्रियों की इज्ज़त करे| जिस तरह स्त्री का आदमी मर जाता है वह औरत विधवा हो जाती है | उसी प्रकार औरत के मर जाने के बाद भी मरद बेबस हो जाता है| उसका घर भी बिखर जाता है| उस घर में कोई भी पानी पिलाने के लिए नहीं होता है| औरत के बिना घर , घर नहीं होता है|
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