”भलाई ही जीवन है’ विषय पर लगभग 100-150, शब्दों में कहानी लिखिए।
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परोपकार पर निबंध
परिचय: परोपकार एक ऐसी भावना होती है जो हर किसी को अपने अन्दर रखना चहिये। इसे हर व्यक्ति को अपनी आदत के रूप में विकसित भी करनी चाहिए। यह एक ऐसी भावना है जिसके तहत एक व्यक्ति यह भूल जाता है की क्या उसका हित है और क्या अहित, वह अपनी चिंता किये बगैर निःस्वार्थ भाव से दूसरों की मदद करता है और बदले में उसे भले कुछ मिले या न मिले कभी इसकी चर्चा भी नहीं करता।
परोपकार की महत्वता:- जीवन में परोपकार का बहुत महत्व है। समाज में परोपकार से बढकर कोई धर्म नहीं होता । ईश्वर ने प्रकृति की रचना इस तरह से की है कि आज तक परोपकार उसके मूल में ही काम कर रही है। परोपकार प्रकृति के कण-कण में समाया हुआ है। जिस तरह से वृक्ष कभी भी अपना फल नहीं खाता है, नदी अपना पानी नहीं पीती है, सूर्य हमें रोशनी देकर चला जाता है। परोपकार एक उत्तम आदर्श का प्रतीक है। पर पीड़ा के समान कुछ भी का अधम एवं निष्कृष्ट नहीं है।
निष्कर्ष
पृथ्वी पर सभी प्राणी ईश्वर के अभिन्न अंग है। मनुष्य अपनी भावनाओ को प्रकट कर सकता है। मनुष्य ही एक ऐसा प्राणी है जो समाज के सभी जीवो के हित में कार्य कर सकता है। दुनिया से दुःख , गरीबी और दर्द दूर करने के लिए सभी मनुष्य को परोपकार के मार्ग पर चलना चाहिए। मनुष्य का जीवन तभी सफल हो पाता है , जब वह भले काम करता है। इसलिए बच्चो को भी बचपन से भले काम करने के लिए प्रेरित करना चाहिए। जब बच्चे अपने अभिभावकों को अच्छा कार्य करते हुए देखेंगे , तो वह भी एक अच्छे और परोपकारी इंसान बनेगे।