'भनई विद्यापति' में भनई का तात्पर्य क्या है ?
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'भनई विद्यापति' में भनई का तात्पर्य क्या है?
(A) कहते हैं (B) सुनते हैं (C) देखते हैं (D) कुछ नहीं
सही उत्तर होगा...
➲ (A) कहते हैं
भनई विद्यापति में भनई का तात्पर्य है, कहते है। यहाँ पर ‘भनई’ शब्द विद्यापति के लिए प्रयुक्त किया है, जो नायिका के कहते हैं।
व्याख्या...
➤ विद्यापति 14वीं शताब्दी में मैथिली भाषा के कवि थे, जिनका पूरा नाम विद्यापति ठाकुर था। उन्हें महाकवि और कवि कोकिल की उपाधि से विभूषित किया गया था। विद्यापति ने मैथिली भाषा में अनेक कविताओं की रचना की। मिथिलांचल में उस समय वे बेहद प्रसिद्ध कवि थे। वे शिव के अनन्य भक्त थे। उनकी रचनायें श्रंगार परम्परा और भक्ति परम्परा दोनों शैली में रही हैं।
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