भरा-पूरा परिवार कैसे सुखद बन सकता है और कैसे दुखद? कामचोर कहानी के आधर पर निर्णय कीजिए।
Answers
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।
Answer:
Explanation:
भरा पूरा परिवार अलग-अलग परिस्थितियों के अनुसार सुखद और दुखद बनता है। कोई भी भरा पूरा परिवार सुख तब बनता है जब उस परिवार के सदस्य मिल जुल कर रहते हो। एक दूसरे की भावनाओं और समस्याओं को भली-भांति जानते हो समझते हो। ऐसे में वहां खुशियां ही खुशियां देखने को मिलती हैं। समस्त परिवार अपना सारा काम मिल-जुलकर पूरा कर लेता है। कार्यों की पूर्णता और खुशियों का लगातार आगमन सुखद परिवार की पहचान बन जाता है। दूसरी तरफ यही परिवार दुखद भी हो जाता है। परिवार में जब कुछ ही व्यक्ति कार्य करते हैं तथा अन्य लोग आराम से आदेश देने का कार्य करते हैं ,तो काम करने वाले लोगों पर कार्य का बोझ बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में घर में कलेश उत्पन्न हो जाते हैं। छोटी-छोटी खुशियों घर के झगड़ों में दबकर रह जाती हैं। घर की शांति अशांति में बदल जाती है ।ऐसे में जब तक घर का प्रत्येक व्यक्ति अपने कार्यों के प्रति रुचि और जागरूकता नहीं दिखाएगा तब तक परिवार में दुखद स्थिति बनी रहेगी।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।