Hindi, asked by suyalshashank, 11 months ago

bharat band par nibhandh in hindi​

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Answered by neelutomarchauhan
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भारत बन्द का त्योहार अभिव्यक्ति की आजादी के विजय का प्रतीक है। यह त्योहार इंसान के अंदर के जानवर को आदर के साथ बाहर लाता है। पशुता के प्रहसन के माध्यम से लोकशाही की श्रेष्ठता का जनजागरण होता है।उन्माद और विवाद की पराकाष्ठा पर पहुंचने में संवेग और उदवेग दोनों का सहारा लिया जाता है।

भारत बन्द Bharat Band में नेता लोग सड़कों पर अपनी पारम्परिक भेषभूषा जैसे पजामा कुर्ता और अपनी पार्टी का गमछा पहनकर निकलते हैं।आम चमचे लुंगी,बनियान और गमछी में झंडा-डंडा लेकर ही निकलते हैं।आजकल नवयुवक बरमुडा टी शर्ट में भी निकलने लगे है।हाथ में व्यक्ति से लगभग 6″ लम्बा डंडा होना अत्यंत आवश्यक है।फाड़े में कट्टा हो तो सोने पर सुहागा।

चाय,पकोड़े,पेप्सी,कोला और शराब कबाब का इंतजाम सड़क पर ही होता है। पहले भारत बन्द मनाने वाले लोग स्वयं ही इन व्यंजनों का लुत्फ उठाते थे। जब से मीडिया भी इस त्योहार में कलम-कैमरे के साथ हिस्सा लेने लगी है और शक्ति प्रदर्शन की सेल्फी का डिमांड बढ़ा है,बन्द कराते लोग काफी सभ्य होने का प्रदर्शन करने लगे हैं।बंद पीड़ितों को भी चाय नाश्ता दवा-दारू दिया जाता है, एम्बुलेंसों को रास्ता देने का सद्कर्म भी किया जाने लगा है,जिसे पशुता पर मानवता की विजय कह कर छापा और दिखाया जाने लगा है।मानवीय गुणों का यह प्रदर्शन निश्चय ही सराहनीय है।

भारत-बन्द आलसी लोगों के लिए लोकतंत्र का अनमोल वरदान है।सोमवार से लेकर शुक्रवार तक किए जाने वाला बन्द श्रेष्ठतम लोकोपकार का है।स्कूलों कालेजों को बन्द कराने में बाल कल्याण की भावना छुपी है।सोमवार और शुक्रवार का भारतबन्द सबसे पावन बन्द है। मंगलवार से वृहस्पतिवार तक का बन्द मध्यम आनंददायी होता है।रविवार को या शनिवार को आहूत बन्द निकृष्ट कोटि के बन्द की श्रेणी में आता है।

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