Bharat Desh Mahan desh hai par essay and conclusion
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मेरा भारत देश एक बहुत महान देश है। इसे हिन्दुस्तान नाम से भी जाना जाता है। विश्व में लोग इसे इण्डिया नाम से जानते हैं। इस भारत भूमि पर ही राम और कृष्ण ने भी अवतार लिया। यही नहीं इसके अलावा कई महापुरुषों, ज्ञानियों, महान सन्यासियों ने भी इस भारत भूमि पर जन्म लेकर इसे महान बनाया है। मेरा भारत कई संस्कृतियों का केन्द्र है। यहाँ हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई, पारसी और अन्य समाज के लोग बहुत घुल-मिल कर रहते हैं। भारत के कोने-कोने में सुन्दरता बिखरी पड़ी है। कहीं पहाड़ तो कहीं मैदान, कहीं जंगल तो कहीं मरुस्थल, कहीं नदियां तो कहीं समुद्र अपनी छटा बिखेरते हैं।भारत जिसे हिन्दुस्तान नाम से भी जाना जाता है, एक महान देश है। इस देश के नाम के पीछे कई मत हैं। उनमें से एक मत के अनुसार सिंधु घाटी सभ्यता की शुरूआत इस देश में होने के कारण इसका नाम हिन्दुस्तान पड़ा है। भारत भूमि को आर्यों की जन्मभूमि भी कहा जाता है। इसी कारण यहाँ आर्य समाज की भी स्थापना हुई।भारत देश एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ का मुख्य व्यवसाय कृषि है। भारत की 80 प्रतिशत जनसंख्या गाँवों में रहती है। भारत देश की भौगोलिक परिस्थिति हर दिशा में भिन्न है। कहीं बर्फ से ढकी पर्वत चोटियाँ, कहीं समुद्र, कहीं मरुस्थल तो कहीं पठार ये सब भारत को कई भौगोलिक परिस्थितियों का मिला-जुला देश बनाते हैं।
भारत देश पर 300 साल तक अंग्रेजों ने शासन किया लेकिन तब भी भारत देश ने अपनी संस्कृति को बरकरार रखा। हांलांकि कई जगह भारतीय संस्कृति में अंग्रेजी संस्कृति की भी झलक दिखाई देती है। अंग्रेजों से पहले मुगलों ने भी इस देश पर शासन किया है इसलिए कई अन्य देशों का भी भारतीय संस्कृति पर प्रभाव पड़ा है। लेकिन यह भारत देश की विशेषता है कि यहाँ विभिन्न धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं। इसलिए मेरा देश महान है।
अनेकताओं में एकता का देश है भारत। देश का नाम भारत पड़ने पर वैसे तो कई मान्यतायें हैं लेकिन एक मुख्य मान्यता के अनुसार भारत देश का नाम राजा दुष्यंत के पुत्र भरत के नाम पर पड़ा था। भारत देश कोई नया देश नहीं है बल्कि यह इतना पुराना है कि हड़प्पा और मोहनजोदाड़ो जैसी प्राचीन सभ्यताओं की शुरूआत भी यहीं से हुई है। इसी कारण इसे विश्व की प्राचीनतम सभ्यताओं वाले देश में गिना जाता है। भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर जाति एवं धर्म के लोग रहते हैं।
यहाँ की संस्कृति एवं परम्पराएं पूरे विश्व में विख्यात हैं। विदेशी हमारी संस्कृति का बहुत सम्मान करते हैं और उसे देखने एवं समझने के लिए भारत आते हैं। भारत देश में सिर्फ देवी-देवताओं की ही नहीं अपितु पशु, पक्षी, पेड़-पौधों, नदियों, पर्वतों आदि की भी पूजा की जाती है यह माध्यम है यह समझाने का कि इन संसाधनों के बिना कोई भी देश प्रगति नहीं कर सकता एवं महान नहीं बन सकता।
आज भारत की जनसंख्या 100 करोड़ से अधिक है। इस देश में 25 राज्य और 6 केन्द्र शासित क्षेत्र हैं। जहाँ कई धर्म और समाज के लोग भाईचारे के साथ रहते हैं। भारत देश की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी है। यहाँ का राष्ट्रीय गीत वंदेमातरम् है। भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर तथा राष्ट्रीय पशु बाघ है।
यदि आप विभिन्न मौसमों और भोगोलिक परिस्थितियों का आनन्द उठाना चाहते हैं तो आपको विदेश की यात्रा से पहले अपने देश की यात्रा पर जरूर जाना चाहिये। वे सब यहाँ उपस्थित हैं चाहे वह पर्वतीय और बर्फीला स्थल हो दक्षिण की सुंदरता, मरू भूमि हो या घने जंगल, गंगा के मैदान हों या पठारी भाग, समुद्र हो या कलकल करती नदियाँ। क्या नहीं है यहाँ ? प्रकृति की कोई ऐसी सौगात नहीं जो भारत देश में न हो।
पूर्व समय में भारत को सोने की चिड़िया भी कहा जाता था और वह इसलिए कि यह देश विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर था। इसी कारण कई अन्य देश भारत आकर यहाँ से अपना व्यापार करते थे और वह भी तब जब व्यवस्थित मार्ग उपलब्ध नहीं थे। वे अपने साथ अपने देश की वस्तुएं लाकर यहाँ बेचते तथा यहाँ की वस्तुएं अपने देश लेकर जाते थे।
भारत भूमि में राम, कृष्ण, महावीर, बुद्ध जैसे कई महापुरूषों को जन्म दिया है। यह वीर योद्धाओं का देश है जिनमें महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी, भगतसिंह, सुभाष चन्द्र बोस, महात्मा गांधी, चाचा नेहरू, लाला लाजपत राय, लाल बहादुर शास्त्री और न जाने कितने वीर योद्धा शामिल हैं जिन्होंने अपनी जान पर दाव पर रखकर देश को गुलामी से मुक्त कराया और इसकी रक्षा की। भारत देश अपने साहित्य के लिए भी उतना ही प्रसिद्द है। इस भूमि पर न तुलसी, कबीर, रविन्द्र नाथ टैगोर, प्रेमचन्द, और न जाने कितने साहित्यकारों एवं कवियों ने जन्म लेकर इसे महान बनाने में अपना योगदान दिया है।
संसार के नक़्शे में भारत देश न केवल अपनी परम्पराओं और संस्कृति के नाम से पहचाना जाता है बल्कि विज्ञान, तकनीकी और प्रौद्योगिकी में भारत पीछे नहीं है। मुझे विश्वास है कि यह देश दिन-प्रतिदिन चिरन्तर विकास की ओर अग्रसर होगा।