Bharat ka videsh vyapar Kaisa tha ( give short answer)
and please jaldi
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Answer:
भारत के विदेश व्यापार के अन्तर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी सामानों से है। विदेश व्यापार, ये आंकड़े वस्तु एवं कमोडिटी में व्यापार के आंकद़े हैं, इनमें सेवाओं एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्मिलित नहीं है।
वर्ष २०१४ में भारत ने 318.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया तथा 462.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का सामान आयात किया।[1][2] भारत विश्व के १९० देशों को लगभग ७५०० वस्तुएँ निर्यात करता है तथा १४० देशों से लगभग ६००० वस्तुएँ आयात करता है।I
Explanation:
प्राचीन काल से भारत विश्व के सुदूर भागों से व्यापार करता रहा है। प्राचीन काल से मसालों और इस्पात का निर्यात होता रहा है। रोम के भारत से व्यापारिक सम्बन्ध थे। वास्को डि गामा १४९८ में कालीकट पहुँचा था। उसकी इस यात्रा से पुर्तगाल को इतना लाभ हुआ कि अन्य यूरोपीय भी यहाँ से व्यापार करने को आतुर हो गये। भारतीय व्यापारियों ने १७४५ के पहले अजरबैजान के बाकू के पास एक अग्नि मंदिर का निर्माण किया था।
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Answer:
भारत के विदेश व्यापार के अन्तर्गत भारत से होने वाले सभी निर्यात एवं विदेशों से भारत में आयातित सभी सामानों से है । विदेश व्यापार , ये आंकड़े वस्तु एवं कमोडिटी में व्यापार के आंकदे हैं , इनमें सेवाओं एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश सम्मिलित नहीं है । वर्ष २०१४ में भारत ने 318.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का सामान निर्यात किया तथा 462.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मूल्य का सामान आयात किया । [ 1 ] [ 2 ] भारत विश्व के १ ९ ० देशों को लगभग ७५०० वस्तुएँ निर्यात करता है तथा १४० देशों से लगभग ६००० वस्तुएँ आयात करता है ।। Explanation : प्राचीन काल से भारत विश्व के सुदूर भागों से व्यापार करता रहा है । प्राचीन काल से मसालों और इस्पात का निर्यात होता रहा है । रोम के भारत से व्यापारिक सम्बन्ध थे । वास्को डि गामा १४ ९ ८ में कालीकट पहुंचा था । उसकी इस यात्रा से पुर्तगाल को इतना लाभ हुआ कि अन्य यूरोपीय भी यहाँ से व्यापार करने को आतुर हो गये । भारतीय व्यापारियों ने १७४५ केका निर्यात होता रहा है । रोम के भारत से व्यापारिक सम्बन्ध थे । वास्को डि गामा १४ ९ ८ में कालीकट पहुँचा था । उसकी इस यात्रा से पुर्तगाल को इतना लाभ हुआ कि अन्य यूरोपीय भी यहाँ से व्यापार करने को आतुर हो गये । भारतीय व्यापारियों ने १७४५ के पहले अजरबैजान के बाकू के पास एक अग्नि मंदिर का निर्माण किया था ।