Bharat ki khoj sindhu ghati sabhyata summary
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सिंधु घाटी सभ्यता (3300 ईसापूर्व से १७०० ईसापूर्व तक,परिपक्व काल: 2600 ई.पू. से 1900 ई.पू.)
विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है।जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में फैली है।
प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित..
सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है।
यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है।
विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता है।जो मुख्य रूप से दक्षिण एशिया के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में, जो आज तक उत्तर पूर्व अफगानिस्तान और पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम में फैली है।
प्राचीन मिस्र और मेसोपोटामिया की प्राचीन सभ्यता के साथ, यह प्राचीन दुनिया की सभ्यताओं के तीन शुरुआती कालक्रमों में से एक थी, और इन तीन में से, सबसे व्यापक तथा सबसे चर्चित..
सम्मानित पत्रिका नेचर में प्रकाशित शोध के अनुसार यह सभ्यता कम से कम 8000 वर्ष पुरानी है।
यह हड़प्पा सभ्यता और 'सिंधु-सरस्वती सभ्यता' के नाम से भी जानी जाती है।
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सिंधु घाटी सभ्यता का सार ।
सिंधु घाटी सभ्यता एक बहुत ही अच्छा जरिया है भारत के अतीत को जानने का । सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष सिंध में मोहनजोदड़ो और पश्चिमी पंजाब में हड़प्पा में मिले हैं ।यह विश्वास किया जाता है की सिंधु घाटी सभ्यता गंगा की घाटी तक फैली थी । इसीलिए यह केवल सिंधु घाटी सभ्यता भर नहीं उससे बहुत अधिक है ।
इस अध्याय में बताया गया है की कैसे आर्यों का आना मुमकिन हुआ और उनके आने का कारण क्या था । ऐसा माना जाता है की आर्यों का प्रवेश सिंधु घाटी युग के लगभग एक हजार वर्ष बाद हुआ । इसके बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है ।
इस अध्याय में प्राचीनतम अभिलेख , धर्म - ग्रन्ध और पुराण के साथ साथ वेदो के बारे में भी संक्षिप्त में वर्णन किया है । भारतीय संस्कृति की निरंतरता के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है ।
साथ ही साथ उपनिषद, व्यक्तिवादी दर्शन के लाभ और हानियां , भौतिकवाद, महाकाव्यों , इतिहास, परंपरा और मिथक , महाभारत , भगवद्गीता, प्राचीन भारत और जीवन ,महावीर और भुद्ध- वर्ण व्यवस्था एवं चाणक्य का भी उल्लेख है ।
#Prashant24IITBHU
सिंधु घाटी सभ्यता एक बहुत ही अच्छा जरिया है भारत के अतीत को जानने का । सिंधु घाटी सभ्यता के अवशेष सिंध में मोहनजोदड़ो और पश्चिमी पंजाब में हड़प्पा में मिले हैं ।यह विश्वास किया जाता है की सिंधु घाटी सभ्यता गंगा की घाटी तक फैली थी । इसीलिए यह केवल सिंधु घाटी सभ्यता भर नहीं उससे बहुत अधिक है ।
इस अध्याय में बताया गया है की कैसे आर्यों का आना मुमकिन हुआ और उनके आने का कारण क्या था । ऐसा माना जाता है की आर्यों का प्रवेश सिंधु घाटी युग के लगभग एक हजार वर्ष बाद हुआ । इसके बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है ।
इस अध्याय में प्राचीनतम अभिलेख , धर्म - ग्रन्ध और पुराण के साथ साथ वेदो के बारे में भी संक्षिप्त में वर्णन किया है । भारतीय संस्कृति की निरंतरता के बारे में विस्तार से वर्णन किया गया है ।
साथ ही साथ उपनिषद, व्यक्तिवादी दर्शन के लाभ और हानियां , भौतिकवाद, महाकाव्यों , इतिहास, परंपरा और मिथक , महाभारत , भगवद्गीता, प्राचीन भारत और जीवन ,महावीर और भुद्ध- वर्ण व्यवस्था एवं चाणक्य का भी उल्लेख है ।
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