Bharat ki kisi aitihasik kahani yah Patra ne aapko prabhavit kiya ho to use Dhyan mein rakh kar ek manoranjak kahani srujana Karen
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झांसी की रानी एक कहानी
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झांसी की रानी का जन्म 19 नवंबर 1835 काशी वाराणसी मैं एक ब्राह्मण परिवार के घर में हुआ झांसी की रानी का नाम बचपन में मणिकर्णिका था ! बचपन से ही में घुड़सवारी तलवारबाजी आदि कार्य में निपुण थी अंग्रेजों के अत्याचार को देखते हुए मणिकर्णिका का रक्त उबलता था !मणिकर्णिका के पिता का नाम मोरोपंत तांबे था काशी में रहने के पश्चात मोरोपंत तांबे मणिकर्णिका के साथ बिठूर की तरफ प्रस्थान करने लगे वहां पर पेशवा बाजीराव के महल में मोरोपंत तांबे को उच्च पद पर नियुक्त किया गया जहां पर मोरोपंत तांबे मणिकर्णिका के साथ रहने लगे! बाल्यावस्था में ही मणिकर्णिका का विवाह गंगाराम तिलक के कारण मनी करने का और अंग्रेजों के बीच युद्ध हुआ के साथ हुआ के पश्चात इनका एक पुत्र था जिसकी मृत्यु हो जाने के पश्चात मणिकर्णिका की कोई संतान नहीं थी कुत्ते की मृत्यु के पश्चात कुछ वर्षों के पश्चात मणिकर्णिका के पति की भी मृत्यु हो गई पति की मृत्यु के पश्चात राज्य की सारी जिम्मेवारी मणिकर्णिका ने संभाली मणिकर्णिका को झांसी की रानी के नाम से जाना जाता है मणिकर्णिका की कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने एक पुत्र को गोद लिया जिनका नाम दामोदर था परंतु अंग्रेज झांसी को अपना बनाना चाहते थे इसलिए उन्होंने क्लैप्स की नीति पारित की जिसके अनुसार गोद लिए हुए पुत्र को राज्य का अधिकार नहीं मिल सकता! मणिकर्णिका ने इसके विरुद्ध अपनी आवाज उठाई मणिकर्णिका ने कहा कि वह अपनी झांसी अंग्रेजों को नहीं देंगे इससे घबराए अंग्रेजों ने झांसी पर आक्रमण कर दिया अंग्रेजों ने झांसी पर कुटी रूप से हमला किया छल से महारानी को हराने का प्रयास किया महारानी अपने पुत्र के साथ कालपी में प्रवेश कर गई वहां पर तात्या टोपे से उनकी मुलाकात हुई ! तात्या टोपे से सलाह मशवरा करने के पश्चात महारानी ने अंतिम चरण में युद्ध की लड़ाई लड़ी जिसने अंग्रेजो छल से महारानी के ऊपर हमला किया महारानी घायल हो गई परंतु उन्होंने फिर भी सारे अंग्रेजों को मौत के घाट उतार दिया !उन्होंने अपने पुत्र दामोदर को तात्या टोपे को सौंप दिया और वहां से जाने को कहा ! इसके पश्चात महारानी मणिकर्णिका या झांसी की रानी की मृत्यु हो गई खूब लड़ी मर्दानी थी वो झांसी वाली रानी थी यह गाथा झांसी की रानी के ऊपर पूर्ण रूप से प्रसिद्ध है