Hindi, asked by afra1234, 11 months ago

bharat ku manchitr mein hindustan hamara hai kavita me aye nadiyon ko darshayein​

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Answered by kirtisingh01
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Explanation:

कोटि-कोटि कंठों से गूजा

प्यारा कौमी नारा है

हिन्दुस्तान हमारा है।

हिन्दुस्तान हमारा है॥

मन्दिर और मीनार हमारे

गाँव, शहर, बाजार हमारे।

चन्दा-सूरज, गंगा-जमुना

पैगम्बर-अवतार हमारे।

हिन्दू, मुसलमान, ईसाई

सिक्ख, पारसी, जैनी भाई।

सभी इसी धरती के वासी

सबके दिल में यही समाई।

सिर्फ हमारा देश यहां पर

नहीं और का चारा है॥

हिन्दुस्तान हमारा है।

हिन्दुस्तान हमारा है॥

धरती है आज़ाद, हवा

आज़ाद तरंगें लाती है।

फूल-फूल आज़ाद कली

आज़ाद खड़ी मुस्काती है।

पंछी हैं आज़ाद चहकते

उड़ते-फिरते जाते हैं।

भौंरे देखो आज़ादी का 

नया तराना गाते हैं।

उठो जवानी, आज़ादी पर

पहला हाथ तुम्हारा है॥

हिन्दुस्तान हमारा है।

हिन्दुस्तान हमारा है॥

इंकलाब होगया, देश को 

हम आज़ाद बनाएंगे।

जुल्मों के तूफान नहीं

मंजिल से हमें हटाएंगे।

हम आज़ादी के सैनिक हैं,

मर-मर बढ़ते जाएंगे।

तलवारों की धारों पर भी

आगे कदम उठाएंगे।

आज गुलामी के शासन को 

फिर हमने ललकारा है॥

हिन्दुस्तान हमारा है।

हिन्दुस्तान हमारा है॥

उठो हिमालय, आज तुम्हारे

कौन पार जा सकता है?

हिन्द महासागर की बोलो

कौन थाह पा सकता है?

आज़ादी की बाढ़ नहीं

संगीनों से रुक सकती है।

अरे जवानी कभी नहीं 

जंजीरों से झुक सकती है।

गरमी की लपटों ने सोखी

कभी न बहती धारा है॥

हिन्दुस्तान हमारा है।

हिन्दुस्तान हमारा है॥

कवि ने हिंदुस्तान के हर चीज़ को पुरे कोने से से लिया है। और पुरे हिंदुस्तान के लोगो को कहा गया है। चाहे वो धरती हो या सूरज या चाँद हो , सब भारत का ही है या हम कह सकते हैं कि सब भारत ही है ।यह वीर रस की कविता है। यहाँ के गाँव, शहर , बाजार सब भारत ही है। हिन्दू, मुस्लिम सिक्ख, ईसाई सब भाई भाई है। यहाँ सब को आज़ादी हे फूल फल , पंछी सब को । अर्थात यह ऐसा देश है जहाँ सब को हर चीज़ की आज़ादी है या कह सकते है, यवहा हर कोई आज़ाद है। पारसी से लेकर मानव तक आज़ाद है।


afra1234: I know this poem ..... can u explain what the question says
kirtisingh01: hindustan humara hai kavita m aayi nadiyo ko darshaaye
afra1234: bv
afra1234: I still didn't got
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