bharat kuposhan ka dohra bhaar utha raha h iska kya arth h.भारत को kuपोषण का दोहरा भार उठा रहा है इसका क्या अर्थ है
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¿ भारत कुपोषण का दोहरा भार उठा रहा है इसका क्या अर्थ है ?
✎... भारत कुपोषण की दोहरा भार उठा रहा है, इस कथन का आशय ये है कि भारत ‘अल्पपोषण’ और ‘अतिपोषण’ दोनों तरह के पोषण पाए जाते हैं। अल्पपोषण से तात्पर्य उसको पोषण से है, जहाँ भारत के बच्चों को पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक भोजन नहीं उपलब्ध हो पा रहा है। भारत में निर्धनता का अनुपात अधिक होने के कारण बहुत से परिवार ऐसे हैं, जिनके बच्चों को भरपेट खाना ढंग से नसीब नहीं हो रहा और ना ही उन्हें पौष्टिक भोजन प्राप्त हो पाता है, इस कारण ऐसे बच्चे अल्पपोषण के शिकार हो जाते हैं, और उनका शारीरिक विकास ढंग से नही हो पाता।
वहीं भारत में अति पोषण भी पाया जाता है, जहां ऐसे परिवार और बच्चे भी हैं जो अति पोषण के शिकार हैं। ऐसे संपन्न परिवार के बच्चे हैं, जो बर्गर, पिज्जा, बिस्कुट, चॉकलेट, केक आदि जैसे पदार्थों का अत्याधिक मात्रा में सेवन करते हैं और हर समय कुछ ना कुछ खाते रहते हैं। जिस कारण ये अतिपोषण के शिकार हैं। उन्हे मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह जैसे बीमारियां हो जाती हैं। इसी कारण यह कहा जाता है कि भारत को कुपोषण का दोहरा बाहर उठा रहा है अर्थात या यहाँ अ‘ल्पपोषण’ और ‘अतिपोषण’ दोनों ही पाए जाते हैं।
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