bharat me khelon ka vikas par essay
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भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – Future Of Sports Essay In India
June 4, 2020 by Laxmi
भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – Essay On Future Of Sports In India
रूपरेखा–
प्रस्तावना,
खेलों के प्रति उदासीनता और उपेक्षा,
कारण और परिणाम,
विभिन्न आयोजन और भारत,
बाजारवाद और खेल,
स्थिति में सुधार की आवश्यकता,
उपसंहार।
साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।
भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – Bhaarat Mein Khelon Ka Bhavishy Par Nibandh
प्रस्तावना–
खेल मनुष्य की जन्मजात प्रकृति है। बच्चे बचपन से ही किसी न किसी खेल का आनन्द उठाते हैं। विद्यालयों में भी उनको खेलने का अवसर मिलता है। किन्तु खेलों के प्रति जिस प्रोत्साहन की जरूरत है, उस ओर समाज और सरकार को ही गम्भीरता से आत्मनिरीक्षण करने की आवश्यकता बनी हुई है।
खेलों के प्रति उदासीनता और उपेक्षा–
हमारे देश में खेलों को शिक्षा में बाधक माना जाता है। परिवार के बड़े बच्चों को खेलकूद के प्रति हतोत्साहित करते हैं। उनका मानना है कि दूसरे बच्चों का ध्यान पढ़ाई–लिखाई से हट जाता है और वे जीवन में पिछड़ जाते हैं। कहावत प्रचलित है–’पढ़ोगे लिखोगे बनोगे नवाब, खेलोगे कूदोगे होगे खराब।’