Hindi, asked by shubhamkumar27320000, 10 months ago

Bharat mein balikaon ki paristhiti per Charcha Karen​

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Answered by Anonymous
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Answer:

भारत में बालिकाओं की परिस्थिति पर चर्चा करें ।

भारत में बालिकाओं की परिस्थिति अब बहुत ही अच्छी है । प्राचीन काल से भारत में बालिकाओं की स्थिति बहुत दयनीय और बुरी हालत में थी । जब से विकास स्तर बढ़ता गया बालिकाओं की परिस्थितियां ऊपर उठते गई ।

अब महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित कर प्रोत्साहित किया जा रहा है । बालिकाएं अपनी रूचि के अनुसार सारे काम कर सकती हैं किसी भी नौकरी को पा सकती हैं । बालिकाओं को आरक्षण भी दिया गया है । उनके पढ़ने में किसी भी प्रकार की असुविधा उसे नहीं महसूस होती ‌। हर प्रकार की सुविधाएं इनके पढ़ने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं । अब सभी क्षेत्रों में बालिकाओं और महिलाओं का प्रतिशत दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है ।

जिस प्रकार पहले के दिनों में बालिकाओं और बालक को में भेदभाव किया जाता था । वह बहुत हद तक कम हो चुका है । अब अभिभावक अपनी बच्चों में भेदभाव नहीं करते कि इसका लिंग स्त्री है और इसका लिंग पुलिंग । बल्कि उनके पास पुत्र या पुत्री दोनों को समान रूप से प्रेम और शिक्षा देते हैं । सरकार भी लिंग में भेदभाव नहीं करती ‌ ।

महिलाएं और बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है चाहे वह फौज हो , अंतरिक्ष , आधिकारिक पद , सरकार , संसद , विज्ञान , उद्योग , शिक्षा , कृषि , सभी प्रकार के रोजगार इत्यादि । इन सभी क्षेत्रों में महिलाएं और बालिकाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है और अपना वर्चस्व और क्षमता दिखाती है ।

Answered by 165
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Explanation:

भारत में बालिकाओं की परिस्थिति पर चर्चा करें ।

भारत में बालिकाओं की परिस्थिति अब बहुत ही अच्छी है । प्राचीन काल से भारत में बालिकाओं की स्थिति बहुत दयनीय और बुरी हालत में थी । जब से विकास स्तर बढ़ता गया बालिकाओं की परिस्थितियां ऊपर उठते गई ।

अब महिलाओं और बालिकाओं को प्रशिक्षित कर प्रोत्साहित किया जा रहा है । बालिकाएं अपनी रूचि के अनुसार सारे काम कर सकती हैं किसी भी नौकरी को पा सकती हैं । बालिकाओं को आरक्षण भी दिया गया है । उनके पढ़ने में किसी भी प्रकार की असुविधा उसे नहीं महसूस होती ‌। हर प्रकार की सुविधाएं इनके पढ़ने के लिए उपलब्ध कराए जा रहे हैं । अब सभी क्षेत्रों में बालिकाओं और महिलाओं का प्रतिशत दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहा है ।

जिस प्रकार पहले के दिनों में बालिकाओं और बालक को में भेदभाव किया जाता था । वह बहुत हद तक कम हो चुका है । अब अभिभावक अपनी बच्चों में भेदभाव नहीं करते कि इसका लिंग स्त्री है और इसका लिंग पुलिंग । बल्कि उनके पास पुत्र या पुत्री दोनों को समान रूप से प्रेम और शिक्षा देते हैं । सरकार भी लिंग में भेदभाव नहीं करती ‌ ।

महिलाएं और बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है चाहे वह फौज हो , अंतरिक्ष , आधिकारिक पद , सरकार , संसद , विज्ञान , उद्योग , शिक्षा , कृषि , सभी प्रकार के रोजगार इत्यादि । इन सभी क्षेत्रों में महिलाएं और बालिकाएं बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है और अपना वर्चस्व और क्षमता दिखाती है ।

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