Hindi, asked by RajeevSinha3079, 10 months ago

Bharat mein Daliya vyavastha ke Swaroop par nibandh likhiye

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Answered by poojagaurav174
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Answer:

यह सच है कि भारत में एक बहु-पक्षीय प्रणाली है, जहाँ कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दल हैं। एक क्षेत्रीय पार्टी बहुमत प्राप्त कर सकती है और एक विशेष राज्य पर शासन कर सकती है।

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यदि कोई पार्टी 4 से अधिक राज्यों में दिखाई देती है, तो उसे राष्ट्रीय पार्टी का लेबल दिया जाएगा। भारत की राजनीति देश के संविधान के निर्माण में काम करती है।

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भारत एक संघीय संसदीय संसदीय गणराज्य है जिसमें भारत का राष्ट्रपति राज्य का प्रमुख होता है और भारत का प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है। भारत दोहरी राजनीति प्रणाली के अनुसार कार्य करता है, यानी एक दोहरी सरकार (प्रकृति में संघीय) जिसमें केंद्र और राज्यों में केंद्रीय प्राधिकरण शामिल हैं।

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संविधान केंद्र और राज्य दोनों सरकारों की संगठनात्मक शक्तियों और सीमाओं को स्थापित करता है, और यह अच्छी तरह से मान्यता प्राप्त, कठोर और सर्वोच्च माना जाता है, इसका मतलब है कि राष्ट्र के कानूनों को इसे मान्य करना चाहिए। एक द्विसदनीय विधायिका के लिए एक ऊपरी सदन, राज्य सभा (राज्यों की परिषद) का प्रावधान है, जो भारतीय महासंघ के राज्यों का प्रतिनिधित्व करता है, और एक निचला सदन, लोक सभा (लोक सभा), जो प्रतिनिधित्व करता है समग्र रूप से भारत के लोग।

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एक स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए भारतीय संविधान का लेआउट, जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय करता है। अदालत का जनादेश संविधान की रक्षा के लिए है, केंद्र सरकार और राज्यों के बीच बहस को सुलझाने के लिए, अंतर-राज्य विवादों को निपटाने के लिए, संविधान के खिलाफ जाने वाले किसी भी केंद्रीय या राज्य कानूनों को अमान्य करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने के लिए, रिट जारी करना।

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उल्लंघन के मामलों में उनके कार्यान्वयन के लिए जब अन्य लोकतंत्रों की तुलना में, भारत में लोकतांत्रिक शासन के तहत अपने इतिहास के दौरान बड़ी संख्या में राजनीतिक दल थे। 1947 में भारत के स्वतंत्र होने के बाद अनुमान लगभग 200 से अधिक दलों का गठन किया गया था।

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भारत में राजनीतिक दलों का नेतृत्व आमतौर पर प्रसिद्ध परिवारों से जुड़ा हुआ है, जिनके वंशवादी नेता सक्रिय रूप से एक पार्टी में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।

Explanation:

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Answered by shishir303
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निबंध...

           ।। भारत में दलीय व्यवस्था का स्वरूप ।।

भारत एक विशाल देश है और यहां पर बहुदलीय प्रणाली प्रचलित है। फिर भी भारत में लंबे समय तक कांग्रेस के रूप में एक ही पार्टी का शासन रहा है, क्योकि भारत की आजादी के समय कांग्रेस ही एकमात्र राजनीतिक दल था और उसे आसानी से सत्ता मिल गयी थी। इस कारण भारत में लंबे समय तक कोई भी राष्ट्रीय राजनीतिक दल उभर नही पाया, हालांकि क्षेत्रीय दल उभरने शुरु हो गये थे। बाद जनसंघ ने राष्ट्रीय दल के रूप में उभरना शुरु किया। जनसंघ के बाद जनता पार्टी ने न केवल राष्ट्रीय दल की पहचान बनाई बल्कि उसने कांग्रेस से सत्ता भी छीनी। हालांकि ये दल लंबे समय तक सत्ता में कायम नही रह पाया। जनता पार्टी के बाद भारतीय जनता पार्टी अस्तित्व में आयी और उसने उभरना शुरु किया इसी बीच 1989 में जनता दल ने अपनी पहचान बनाई और सत्ता भी हासिल की। जनता दल भी राष्ट्रीय पार्टी के रूप में ज्यादा समय तक अपना अस्तित्व नही बनाकर रख सका और अनेक छोटी-छोटी पार्टियों में टूट गया।

वर्तमान समय में भारतीय जनता पार्टी एक ऐसा राष्ट्रीय दल है जिसने कांग्रेस को पूर्ण रूप से चुनौती देकर कांग्रेस का स्थान भी ग्रहण किया और आज सफलता पूर्वक शासन भी कर रही है। आज के समय में भारत में पूर्ण रूप से राजनीतिक दल का विवेचन किया जाए तो केवल दो दल है, कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी जो संपूर्ण भारत में अधिकतर जगह अपना प्रभाव रखते है।

भारत में राष्ट्रीय दल की परिभाषा में चुनाव आयोग द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार भारत में राष्ट्रीय दल उस दल को कहा जाएगा जो कम से कम 4 राज्य में अपना अस्तित्व रखता हो। 4 या उससे अधिक राज्यों में उसे कुल वैध मतों का कम से कम 6% मत प्राप्त हुआ हो और कुल 4 राज्यों में मिलाकर कम से कम लोकसभा 4 सीटें हासिल करता हो या तीन राज्यों में अलग-अलग कुल मिलाकर चार लोकसभा सीटें रखता हो।  

फिलहाल भारत में राष्ट्रीय मान्यता प्राप्त 8 दल है और 53 दल ऐसे हैं जो क्षेत्रीय दल के रूप में मान्यता प्राप्त हैं। इसके अतिरिक्त भारत में 2,000 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त दल भी हैं।  

भारत में राष्ट्रीय दल इस प्रकार हैं... भारतीय जनता पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, तृणमूल कांग्रेस पार्टी, नेशनलिस्ट पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी।

भारत में अनेक क्षेत्रीय दल है जिनमें आम आदमी पार्टी, शिवसेना, मुस्लिम लीग, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम, ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, असम गण परिषद, बीजू जनता दल, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, जनता दल सेकुलर, जनता दल यूनाइटेड, झारखंड मुक्ति मोर्चा, लोक जनशक्ति पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, राष्ट्रीय लोक दल, तेलुगू देशम पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी जैसी पार्टियां हैं।

भारत में राष्ट्रीय स्तर, राज्य स्तरीय, स्थानीय स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए किसी भी राजनीतिक दल को भारतीय निर्वाचन आयोग में अपना पंजीकरण करवाना आवश्यक होता है। निर्वाचन आयोग की तरफ से उसे चुनाव चिन्ह प्रदान किया जाता है।

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