India Languages, asked by DEMONKING790, 1 year ago

Bharat mein kitne prakar ki party hai uske chandi kya asthapna kis varsh mein kitne sadasya hain

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Answered by srija67
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भारत में राजनीतिक पार्टीयों के चुनाव चिन्हों के अस्तित्व का मुख्य कारण स्पष्ट रूप से मतदाताओं की मदद करना और पार्टी या उम्मीदवार को याद रखने में मदद कराना है. यह भारतीय गणराज्य के प्रारंभिक दिनों से ही काफी महत्वपूर्ण रहा है.

लोग चुनाव चिन्हों की वजह से राजनितिक पार्टी को याद रखते हैं. 1951 में स्वतंत्र भारत में पहली जनगणना का प्रकाशन और पहले आम चुनावों की शुरुआत हुई थी. मतदान करते समय, नागरिकों के सामने न केवल उम्मीदवार और पार्टी का नाम बल्कि पार्टी का चुनाव चिन्ह भी होता है. चुनाव प्रचार के दौरान मतदाताओं को बार-बार याद दिलाया जाता है कि वे किस चुनाव चिन्ह का चयन करना चाहेंगे. जो लोग पढ़े लिखे नहीं होते है उनके लिए चुनाव चिन्ह ही ऐसा साधन है जिसे आसानी से याद रखा जा सकता है और इसी से लोगो की धारणाएं भी बनती है कि कौन-सी पार्टी कैसी होगी और वह लोगो के हित में काम करेंगी या नहीं आदि. इसलिए चुनाव के दौरान राजनितिक पार्टी का चुनाव चिन्ह बहुत अहम भूमिका निभाता है.

जब कोई राजनितिक पार्टी अपनी पार्टी के लिए चुनाव चिन्ह का चयन करती है तो अंतिम निर्णय निर्वाचन आयोग का होता है. नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन आयोग के कार्यालय में कम से कम 100 नि:शुल्क चुनाव चिन्हों का रखरखाव किया जाता है जो किसी भी पार्टी को आवंटित नहीं किए गए हों. इस लेख में 7 राष्ट्रीय पार्टी और उनसे संबंधित चुनाव चिन्हों के बारे में अध्ययन करेंगे.

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