Bharat mein rashtravad ki Bhavna Panpane
Mein Kin kar
Ko Ka yogdan Tha
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1857 ई. का वर्ष भारतीय राष्ट्रवाद के उदय का प्रारम्भ माना जाता है। इसके अतिरिक्त उदय के लिए निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कारण उत्तरदायी थे -
पाश्चात्य शिक्षा एवं संस्कृति ने राष्ट्रवादी भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
- अंग्रेज़ों ने भारतीयों को इसलिए शिक्षित नहीं किया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागे।
समाचार-पत्रों एवं प्रेस का राष्ट्रवाद के उदय में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- भारत में राजा राममोहन राय ने 'राष्ट्रीय प्रेस' की नींव डाली।
राष्ट्रीय साहित्य भी राष्ट्रवादी भावना की उत्पत्ति के लिए ज़िम्मेदार रहा है।
- अंग्रेज़ों के द्वारा देश का जो आर्थिक शोषण किया जा रहा था, उसने भी राष्ट्रवाद को जगाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
तीव्र परिवहन तथा संचार साधनों में रेल, डाक व तार आदि के विकास ने भी भारत में राष्ट्रवाद की जड़ को मज़बूत किया ।
आशा करता हूँ , यह आपके लिए मददगार होगा ।
पाश्चात्य शिक्षा एवं संस्कृति ने राष्ट्रवादी भावना को जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह किया।
- अंग्रेज़ों ने भारतीयों को इसलिए शिक्षित नहीं किया, क्योंकि वे नहीं चाहते थे कि उनमें राष्ट्रीयता की भावना जागे।
समाचार-पत्रों एवं प्रेस का राष्ट्रवाद के उदय में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।
- भारत में राजा राममोहन राय ने 'राष्ट्रीय प्रेस' की नींव डाली।
राष्ट्रीय साहित्य भी राष्ट्रवादी भावना की उत्पत्ति के लिए ज़िम्मेदार रहा है।
- अंग्रेज़ों के द्वारा देश का जो आर्थिक शोषण किया जा रहा था, उसने भी राष्ट्रवाद को जगाने में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया।
तीव्र परिवहन तथा संचार साधनों में रेल, डाक व तार आदि के विकास ने भी भारत में राष्ट्रवाद की जड़ को मज़बूत किया ।
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