Bharat mein samaj karya ke Vikas per nibandh
Answers
Answer:
भारतीय समाज एक परम्परागत समाज रहा है । भारतीय समाज अति प्राचीनकाल में एक प्रकार का साम्यवादी समाज था जिसमें निजी सम्पत्ति का जन्म अभी नहीं हुआ था । निजी सम्पत्ति के जन्म के साथ ‘राजा’ का भी जन्म हुआ एवं युद्ध से जीती गई सम्पत्ति विजेता की हो गई जिसे वितरित करना उसकी अपनी इच्छा पर था । पीडि़तों की सहायता करना प्राचीनकाल से भारत की परम्परा रही है । मजूमदार के अनुसार राजा, व्यापारी, जमींदार तथ अन्य सहायता संगठन धर्म के पवित्र कार्य को सम्पन्न करने के लिए एक दूसरे की सहायता करने में आगे बढ़ने का प्रयत्न करते थे ।
हडप्पा संस्कृति से लेकर बौद्ध काल तक जनता की भलाई के लिए उपदेश दिए जाते थे ।बुद्ध अपने जीवन काल में काफी लोगों को उपदेश दिया करते थे । मौर्यकाल में भी जनता की भलाई के लिए उपदेश दिए गए । अशोक ने भी कहा कि सहायता के लिए मेरी प्रजा किसी भी समय मुझसे मिल सकती है चाहे मैं अन्त:पुर में ही क्यों न रहूँ । गुप्तकाल एवं हर्ष के काल में भी इसी प्रकार की व्यवस्थाएँ देखने को मिलती हैं ।
Explanation:
please give me thanks OK