Hindi, asked by bhogsinghbarman419, 7 months ago

Bharat mein Shiksha Prasar ke liye Swami Vivekanand ka upay samjhaie​

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Answered by biharichhoridav
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Answer:

स्वामी विवेकानंद के शिक्षा पर विचार ओज और प्राण से परिपूर्ण हैं। इन्हें यदि अपने जीवन में उतारा जाए तो जीवन को रूपान्तरित किया जा सकता है। विवेकानन्द के शिक्षा-संबंधी इन विचारों को पूरी शिक्षा व्यवस्था पर लागू किया जाए, तो देश को पूर्णतः रूपान्तरित किया जा सकता है। प्रस्तुत लेख “राष्ट्र को आह्वान” नामक पुस्तक के “शिक्षा और समाज” नामक अध्याय से लिया गया है। लेख के अन्त में टिप्पणी करके अपनी राय ज़ाहिर करना न भूलें।

Answered by preetykumar6666
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विवेकानंद का मानना था कि शिक्षा पुरुषों में पहले से ही पूर्णता की अभिव्यक्ति है।

उन्होंने इस पर दया की कि शिक्षा की मौजूदा प्रणाली ने किसी व्यक्ति को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए सक्षम नहीं किया और न ही उसे आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान सिखाया।

उनके लिए, शिक्षा नेक विचारों की एक आत्मसात थी।

वेदांत के अनुसार, मनुष्य का सार उसकी आत्मा में है, जो उसके शरीर और मन के अतिरिक्त है।

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