Bharat Vishwa Guru Banega is par Sanskrit Mein 5 line
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Not sure about the answer
मुख्य अतिथि यूजीसी के वाइस चेयरमैन डॉ भूषण पटवर्धन ने कहा कि ने भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने की क्षमता संस्कृत में ही है। संस्कत केवल भाषा ही नहीं भारत की संस्कृति है,क्योंकि यह स्पष्ट भी है कि यह भाषा ही सभी भारतीय भाषाओं की जननी है। इसलिए संस्कृत के विद्वानों और छात्रों की जिम्मेदारी है कि इसके विकास के लिए गंभीर प्रयास करें।
(it's so comedy I don't know Hindi but I answered from Google)
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मुख्य अतिथि यूजीसी के वाइस चेयरमैन डॉ भूषण पटवर्धन ने कहा कि ने भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने की क्षमता संस्कृत में ही है। संस्कत केवल भाषा ही नहीं भारत की संस्कृति है,क्योंकि यह स्पष्ट भी है कि यह भाषा ही सभी भारतीय भाषाओं की जननी है। इसलिए संस्कृत के विद्वानों और छात्रों की जिम्मेदारी है कि इसके विकास के लिए गंभीर प्रयास करें। श्लोक है, ‘अयम निज: परोवेति गणना लघुचेतसाम। उदार चरितानाम तु वसुधैव कुटुंबकम।’ यानी ‘यह अपना है, वह पराया है, ऐसा हिसाब छोटी सोच वाले लोग किया करते हैं। उदार चरित्र वालों के लिए यह पूरी धरती ही अपने परिवार जैसी हुआ है।’ मुझे लगता नहीं कि 70 साल की उम्र में तीस से ज्यादा बैच पत्रकार पैदा कर चुके इन सज्जन को इस अवस्था में ‘वासुदेव कुटुंबकम’ से डिगाकर ‘वसुधैव कुटुंबकम’ तक लाया जा सकता है, अर्थ समझने और उसके मुताबिक अपनी सोच बदलने की तो खैर बात ही छोड़ दीजिए। शायद किसी सूरत में यह संभव भी हो सकता था, लेकिन अगर सरकार से जुड़ी राष्ट्रवादी अहमन्यता का भरपूर समर्थन किसी के साथ हो तो उसे अपनी गलती मानने और सोच बदलने के लिए समझाना अपनी जान आफत में डालने जैसा ही है।