Hindi, asked by somnathmandal2038, 9 months ago

भरत की चित्रकूट यात्रा का वर्णन अपने शब्दो में कीजिए ।​

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Answered by probaudh
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श्रीराम वन को प्रस्थान करते हैं और अब भरत की चित्रकूट यात्रा के बारे में बताया गया है, जिसका उल्लेख महाभारत वनपर्व के 'रामोपाख्यान पर्व' के अंतर्गत अध्याय 277 में बताया गया है[1]-

राम सहित सीता, लक्ष्मण वन प्रस्थान

राजन! तुम्हारा कल्याण हो। श्रीरामचन्द्र जी के वन जाते समय उत्तम शोभा से सम्पन्न उनके भाई धनुर्धर लक्ष्मण ने तथा उनकी पत्नी विदेह राजकुमारी जनकनन्दिनी सीता ने भी उनका अनुसरण किया।

दशरथ का स्वर्गवास

श्रीरामचन्द्र जी के वन में चले जाने पर (उनके वियोग में) राजा दशरथ ने शरीर त्याग दिया। श्रीरामचन्द्र जी वन में चले गये तथा राजा परलोकवासी हो गये।

कैकेयी का संवाद

यह देखकर कैकेयी ने भरत को ननिहाल से बुलवाया और इस प्रकार कहा- ‘बेटा! तुम्हारे पिता महाराज दशरथ स्वर्गलोक को सिधार गये तथा श्रीराम और लक्ष्मण वन में निवास करते हैं। अब यह विशाल राज्य सब प्रकार से सुखद और निष्कण्टक हो गया है। तुम इसे ग्रहण करो’।

भरत का संवाद

भरत बड़े धर्मात्मा थे। वे माता की बात सुनकर उससे बोले - ‘कुलकलंकिनी जननी! तूने धन के लोभ मे पड़कर यह कितनी बड़ी क्रूरता का काम किया है ? पति की हत्या की और इस कुल का विनाश कर डाला। ‘मेरे मस्तक पर कलंक कर टीका लगाकर तू अपना मनोरथ पूर्ण कर ले।’ ऐसा कहकर भरत फूट-फूट कर रोने लगे। उन्होंने सारी प्रजा और मन्त्रियों आदि के निकट अपनी सफाई दी तथा भाई श्रीराम को वन से लौटा लाने की लालसा से उन्हीं के पथ का अनुसरण किया।

भरत की चित्रकूट यात्रा

वे कौसत्या, सुमित्रा तथा कैकेयी को आगे भेजकर स्वयं अत्यन्त दुखी हो शत्रुघ्न के साथ (पैदल ही) वन को चले। श्रीरामचन्द्र जी को लौटा लाने की अभिलाषा से उन्होंने वसिष्ठ, वामदेव और दूसरे सहस्रों ब्राह्मणों तथा नगर एवं जनपद के लोगों को साथ लेकर यात्रा की। चित्रकूट पहुँचकर भरत ने लक्ष्मण सहित श्रीराम को धनुष हाथ में लिये तपस्वीजनों की वेष-भूषा धारण किये देखा। उस समय श्रीरामचन्द्र जी ने कहा- तात भरत! अयोध्या लौट जाओ। तुम्हें प्रजा की रक्षा करनी चाहिये और मैं पिता के सत्य की रक्षा कर रहा हूँ, ऐसा कहकर पिता जी की आज्ञा पालन करने वाले श्रीरामचन्द्र जी ने (समझा-बुझाकर) उन्हें विदा किया। तब वे (लौटकर) बड़े भाई की चरणपादुकाओं को आगे रखकर नन्दिग्राम में ठहर गये और वहीं से राज्य की देख-भाल करने लगे।

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Answered by prabhaagrahari967
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Answer:

भारत चित्रकूट इसलिए गए थे ताकि वह राम को वापस अयोध्या मना कर ले आए और वह अपनी पूरी सेना बल के साथ चित्रकूट गए

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