भरत को माँ के प्रति आक्रोश क्यों था? अपनी प्रतिक्रिया को वे उचित क्यों नही मानते?
Answers
Explanation:
नई दिल्ली. देश में इनदिनों 'भारत माता की जय' बोलने और नहीं बोलने पर बहस छिड़ी हुई है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि हिंदुस्तान को भारत माता के नाम से क्यों पुकारा जाता है? वास्तव में भारत को सदियों से मातृभूमि कहा जाता रहा है। यहां नेचर को जिंदगी का अहम हिस्सा माना गया। वेदों में भी भारत को मां के नाम से पुकारा गया। आज़ादी से पहले और बाद भी हम अक्सर ‘भारत माता की जय’ का नारा सुनते और लगाते आए हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि भारत को ‘माता’ ही क्यों कहते हैं, ‘पिता’ क्यों नहीं। ‘भारत-माता’ शब्द कैसे आया...
- आदि काल से ही भारत को मातृभूमि कहा गया है। इसके साक्ष्य वेदों में भी मिलते हैं। अथर्व वेद के श्लोक में मातृभूमि का साफ उल्लेख है। हालांकि बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित वंदेमातरम ने मातृभूमि की अवधारण को और बल दिया।
- वहीं वर्तमान समय का पहला लिखित साक्ष्य 19वीं सदी के प्रसिद्ध बांगला लेखक और साहित्यकार भूदेव मुखोपाध्याय के लिखे व्यंग्य – ‘उनाबिम्सा पुराणा’ ('Unabimsa Purana') यां ‘उन्नीसवें पुराण’ ('The Nineteenth Purana') में मिलता है। लेख का पब्लिकेशन 1866 में किया गया था। इसमें ‘भारत-माता’ के लिए ‘आदि-भारती’ शब्द उपयोग किया गया।