भरतमुनि ने रसों की संख्या बताई-
चार
छः
आठ
नौ
Answers
Answered by
0
Answer:
नाट्यशास्त्र' में भरतमुनि ने रसों की संख्या आठ मानी है- श्रृंगार, हास्य, करुण, रौद्र, वीर, भयानक, वीभत्स, अद्भुत। दण्डी ने भी आठ रसों का उल्लेख किया है। रति के 3 भेद हैं- दाम्पत्य रति, वात्सल्य रति और भक्ति सम्बन्धी रति, इन्ही से क्रमशः श्रृंगार, वात्सल्य और भक्ति रस का निष्पत्ति हुआ है।
Similar questions