Sociology, asked by mamtavishwakarma5858, 11 months ago

Bhartiya Sanskriti ki Vividhta Mein Ekta ke vicharon ki vivechna ?​

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Answered by omaryan99
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परिचय

“विविधता में एकता” का अर्थ है विभिन्न असमानताओं के बावजूद भी अखंडता का अस्तित्व। “विविधता में एकता” की इस अवधारणा के लिये भारत एक बेहतर उदाहरण है। हम लोग यहाँ बेहद साफतौर पर देख सकते हैं कि भारत की एक धरती पर अर्थात् एक छत के नीचे समरसता के साथ अलग-अलग धर्म, समुदाय, जाति, भाषा, संस्कृति, जीवन-शैली, परिधान पहनने का तरीका, भगवान में भरोसा, पूजा-पाठ के तौर-तरीके आदि के लोग एक-साथ रहते हैं। भारत में रहने वाले लोग एक माँ के बच्चे हैं जिन्हें हम भारत माँ कह कर बुलाते हैं।

भारत एक ऐसा देश है जिसने “विविधता मे एकता” की सच्चाई को सही साबित किया है। बिना किसी परेशानी के कई वर्षों से विभिन्न धर्म और जाति के लोगों ने एक साथ रह कर दिखाया है। भारत ऊँचे पहाड़ों, घाटियों, महासागरों, प्रसिद्ध नदियों, धारा, जंगल, रेगिस्तान, प्राचीन संस्कृति और परंपराएँ और सबसे खास “विविधता में एकता” से सजा हुआ देश है। लोग यहाँ अपने नस्ल, धर्म और भाषा से संबंध रखते हैं फिर भी उन सभी के मानवता का समान चरित्र होता है जो उन्हें एक साथ रहने के काबिल बनाता है।

विविधता में एकता का महत्व:

“विविधता में एकता” लोगों की कार्यस्थल, संगठन और समुदाय में मनोबल को बढ़ाता है।

ये लोगों के बीच में दल भावना, रिश्ते, समूह कार्य को बढ़ाने में मदद करता है इसकी वजह से प्रदर्शन, कार्यकुशलता, उत्पादकता और जीवन शैली में सुधार आता है।

बुरी परिस्थिति में भी ये प्रभावशाली संवाद बनाता है।

सामाजिक परेशानियों से लोगों को दूर रखता है और मुश्किलों से लड़ने में आसानी से मदद करता है।

मानव रिश्तों में अच्छा सुधार लाता है तथा सभी के मानव अधिकारों की रक्षा करता है।

भारत विश्व का एक प्रसिद्ध और बड़ा देश है जहाँ विभिन्न धर्म जैसे हिन्दू, मुस्लिम, बौद्ध, सिक्ख, जैन, ईसाई और पारसी आदि के एक साथ रहते हैं लेकिन सभी धर्म और क्रम के एक सिद्धांत पर भरोसा करते हैं। यहाँ के लोग स्वभाव से भगवान से डरने वाले होते हैं और आत्मा की शुद्धि, पुनर्जन्म, मोक्ष, स्वर्ग और नरक में भरोसा रखते हैं। बिना किसी धर्म के लोगों को हानि पहुँचाये बेहद शांतिपूर्ण तरीके से लोग अपने त्योंहारों होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस, गुड फ्राईडे, महावीर जयंती, बुद्ध जयंती आदि को मनाते हैं।

यहाँ पर इसकी कुछ कमियाँ भी है :

ये अलग राज्यों और बहु-भाषायी संबंधी लोगों के बीच में कई सामाजिक चिंताओं के बढ़ावा दे सकता है।

ये देश के कई क्षेत्रों में भ्रष्टाचार और अशिक्षा को बढ़ावा दे सकता है।

अविकसित संरचना, बिजली की कमी, सड़के आदि के कारण विभन्न ग्रामीण क्षेत्रों में खराब जीवनशैली का कारण बन सकता है।

निष्कर्ष

मनोवैज्ञानिक, वैचारिक, राजनीतिक, धार्मिक, बहु-भाषी, शारीरिक, सामाजिक, सांस्कृतिक आदि के ढ़ेर सारे भिन्नताओं के बावजूद भी एकता के अस्तित्व पर “विविधता में एकता” ध्यान केन्द्रित करता है। ज्यादा विविधता से एकता में ज्यादा जटिलता होती है। नस्ल, धर्म, जाति, उप-जाति, समुदाय, भाषा और बोली की अधिक विविधता के बावजूद भी भारत में लोग एक हो के रहते हैं। भारत में लोग बहुत ही आध्यात्मिक और स्वाभाव में भगवान से डरने वाले होते हैं इसलिये वो सभी के धर्म को आदर देते हैं।

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