Bhartiye krishak par nibandh
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स्वतंत्रता के पश्चात् कृषकों की दशा में सुधार के लिए अनेक योजनाएँ कार्यान्वित की गईं । समय-समय पर विभिन्न सरकारों द्वारा कृषकों को अनेक सुविधाएँ प्रदान की गईं परंतु अनेक कारणों से इन सुविधाओं का लाभ पूर्ण रूप से उन तक नहीं मिल पाया। देश के विभिन्न क्षेत्रों के किसानों में भारी असंतोष है क्योंकि उन्हें सिंचाई के लिए पर्याप्त मात्रा में न तो बिजली मिल पाती है और न ही उन्नत किस्म के बीज आदि भी समय पर उपलब्ध होते हैं ।
भारतीय कृषक की सामान्य दशा का यदि अवलोकन करें तो हम पाते हैं कि हमारे अधिकांश कृषक निरक्षर हैं । यह कृषकों के पिछड़ेपन का एक प्रमुख कारण है । निर्धनता एवं अशिक्षा के कारण वे सरकार की कृषि संबंधी विभिन्न योजनाओं का लाभ नहीं उठा पाते हैं ।
शिक्षा के अभाव में वे उन्नत बीज, कृषि के आधुनिक उपकरणों तथा उच्च वैज्ञानिक तरीकों से वंचित रह जाते हैं । भारतीय पारंपरिक रीति-रिवाज एवं बाह्य आडंबर आदि भी उसकी प्रगति के मार्ग की रुकावट बनते है ।
विगत कुछ वर्षों में विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में भारत ने विशेष प्रगति की है । संचार माध्यमों के विशेष प्रचार एवं प्रसार का सकारात्मक प्रभाव हमारी कृषि पर भी पड़ा है । दूरदर्शन तथा रेडियो आदि के माध्यम से हमारी सरकार एवं अन्य संस्थाएँ कृषकों को कृषि संबंधी जानकारी दे रही हैं तथा उन्हें उन्नत बीजों व विभिन्न वैज्ञानिकों तरीकों से अवगत करा रही हैं ।
इसके अतिरिक्त बैंकों आदि के माध्यम से किसानों को कम ब्याज दर पर कर्ज उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे वे आधुनिक उपकरण तथा सिंचाई आदि का प्रबंध कर सकें ।
सरकार के इन अथक प्रयासों के सकारात्मक परिणाम आने प्रारंभ हो गए हैं । कुछ राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा आदि ने विशेष प्रगति की है । देश के अन्य राज्यों में भी सुधार दिखाई देने लगा है । निस्संदेह हम उज्जल भविष्य की ओर अग्रसर हो रहे हैं।
हमारे कृषकों की दशा में निरंतर सुधार से देश की अर्थव्यवस्था पर विशेस प्रभाव पड़ेगा । तब अवश्य ही एक स्वावलंबी, आत्मनिर्भर एवं अग्रणी भारत की हमारी परिकल्पना सरकार हो सकेगी ।
Indian Farmer in Hindi!
Indian Farmer in Hindi!”जब तुम, मुझे पैरों से रौदंते हो
Indian Farmer in Hindi!”जब तुम, मुझे पैरों से रौदंते होतथा हल के फाल से विदीर्ण करते हो