Hindi, asked by dwirahul353, 1 year ago

bhasha hi manushya ki pehchaan hai par nibandh

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Answered by Geekydude121
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अगर भाषा नहीं होता तो मनुष्य भी शायद बेज़ुबान होता।

आज भाषा है इसलिए तो मनुष्य मनुष्य कहलाता है।

मनुष्य की पहचान ही भाषा से होती है।

भाषा न हो तो एक दूसरे के साथ संचार करना मुश्किल होता है।

मनुष्य के पास जुबा होते हुए भी अगर भाषा नहीं होता तो इशारे के माध्यम से बात करना होता,जो सबको समझ नहीं आ पाता।
Answered by Rituraj41272
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Answer:

Explanaयह सत्य बात है कि भाषा एक जलता दीप है, जिसका प्रकाश अंधकार की सत्ता को समाप्त करता है। भाषा ने ही मानव प्रगति और विकास को संभव बनाया तथा मनुष्य की समझ को विश्व समझ के साथ जोड़ा। शब्द से भाषा बनती है, लेकिन शब्द भाषा नहीं है। भाषा से साहित्य लिखा जाता है, लेकिन भाषा साहित्य नहीं है। लिखा हुआ शब्द अवश्य जादुई होता है, क्योंकि यह दो भिन्न व्यक्तियों के बीच एक संवाद कायम करता है, भले ही वे भिन्न जाति या समय के हों।tion:

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