Bhasha ka mool roop kya hai
Answers
‘भाषा’ का मूल स्वरूप बोली होता है। क्योंकि सबसे पहले बोली ही अस्तित्व में आई। मौखिक भाषा ही बोली थी, जो सबसे पहले अस्तित्व में आई। भाषा का लिखित स्वरूप तो विकास के क्रम में बहुत बाद में अस्तित्व में आया।
‘भाषा’ उस विधा को कहते हैं, इसके द्वारा हम अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। भाषा से तात्पर्य मुंह से निकलने वाले शब्दों व वाक्यों का समूह है जो ध्वनि के रूप में हमारे मुंह से प्रस्फुटित होता है।
‘भाषा’ शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के ‘भाष’ धातु से हुई है जिसका अर्थ है बोलना अर्थात जो बोली जाती है वही भाषा है। लेकिन हर बोली को भाषा नहीं कहते। जब बोली लिखित रूप में अपना साहित्यिक रूप ले लेती है। वह एक सुव्यवस्थित रूप ले लेती है तब वह भाषा का दर्जा प्राप्त कर लेती है।
भाषा आपस में विचार विनिमय और अभिव्यक्ति का माध्यम है इसके माध्यम से मनुष्य अपने विचारों और अपने भावों का एक दूसरे से आदान प्रदान करता है।
Explanation:
s.m.s. भाषा के किस रूप का उदाहरण है