Bhav soundrya aur shilp soundaya definition hindi
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shilp saundarya- the words, the Alankar, the ras or any other grammertical information which is used in the poem .
भाव-सौंदर्य -
प्रस्तुत पद्यांश छायावाद के प्रसिद्ध स्तंभ सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की "बादल राग" कविता से उद्धृत है | इस कविता में कवि बादल के माध्यम से जनसामान्य के दुःख और व्यथा को मिटाने की क्रांति करना चाहता है | किसान और मजदूर जैसे मेहनतकश लोगों की आकांक्षाएँ बादल को नव निर्माण के राग के रूप में बुला रही हैं | कवि बादल रूपी क्रांति से समाज में आमूल-चूल परिवर्तन करना चाहता है | क्रांति सदैव अभावग्रस्त लोगों के लाभ एवं पक्ष के लिए होती है | इस कविता में प्राकृतिक उपादान के माध्यम से क्रांति का आह्वान करता हुआ कवि बादल को समाज,देशऔर श्रमजीवियों की दुर्दशा से अवगत कराता है |
शिल्प सौंदर्य -
भाषा- मानक हिंदी (खड़ी बोली) | तत्सम और तद्भव दोनों ही प्रकार के शब्दों की भरमार |
शैली- मौलिक वर्णनात्मक प्रवाहपूर्ण शैली का प्रयोग| कार्ल मार्क्स का क्रांति सिद्धांत भी शैली का प्रमुख अंग है |
छंद- मुक्तछंद | लयबद्धता के अभाव के बावजूद प्रवाह बना हुआ है |
अलंकार-
1.अनुप्रास (समीर सागर,सजग सुप्त)
2.पुनरुक्ति प्रकाश (फिर-फिर,बार-बार,सुन-सुन,शत-शत, हिल-हिल.खिल-खिल)
3.विरोधाभास (सजग सुप्त)
4.रूपक (समीर सागर,आतंक भवन,आतंक अंक आदि |)
मुहावरे- हृदय थामना |