bhav vachak sangya in hindi 10 examples
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जिन शब्द किसी चीज के गुण, दोष, महत्त्व, विशेषता, स्वभाव आदि के गुण बतलाती है उनको हम भाववाचक संज्ञा कहते हैं।
उदाहरण-- १)जातिवाचक संज्ञा के आधार पर भाववाचक संज्ञा--
रूह से रूहानी
आत्म से आत्मा
मित्र से मित्रता।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा के रूप--
अहं से अहंकार
निज से निजत्व।।
विशेषण से भाववाचक संज्ञा--
उच्च से उच्चता
आवश्यक से आवश्यकता
क्रिया के रूप में भाववाचक संज्ञा--
जितना से जीत
हारना से हार
खेलना से खेल
उदाहरण-- १)जातिवाचक संज्ञा के आधार पर भाववाचक संज्ञा--
रूह से रूहानी
आत्म से आत्मा
मित्र से मित्रता।
सर्वनाम से भाववाचक संज्ञा के रूप--
अहं से अहंकार
निज से निजत्व।।
विशेषण से भाववाचक संज्ञा--
उच्च से उच्चता
आवश्यक से आवश्यकता
क्रिया के रूप में भाववाचक संज्ञा--
जितना से जीत
हारना से हार
खेलना से खेल
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महाराणा प्रताप साहस के धनी थे में साहस भाव वाचक sangya है या विशेषण
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