Hindi, asked by diksha2376, 1 year ago

bhavarth of Panchvati (poem )

Answers

Answered by naveena01101974
2

hi here is ur answer

चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रहीं हैं जल थल में,

स्वच्छ चाँदनी बिछी हुई है अवनि और अम्बरतल में।

पुलक प्रकट करती है धरती, हरित तृणों की नोकों से,

मानों झूम रहे हैं तरु भी, मन्द पवन के झोंकों से॥

i hope this is what u wanted



diksha2376: hey
diksha2376: i want bharvarth
Similar questions