भवता नाम लोकेशः। भवतः मित्र सुरेशः अण्डीगड-नगरे नबोरय-विद्यालयस्य छात्रावासे वसतिः सः आवस्यः ी
णाय तं प्रति लिखिते पत्रे रिक्तस्थानानि प्रमाया: सहायतया पूरयित्वा पुनः लिखता
पत्रात् मया हातम् यत् त्वम् (11)
अत्यन्य: असि. अन् (io)
(0)
अस्ति। तेन स्वास्थ्यरक्षणाय ये निर्देशाः दत्ताः तान् आर लियाभिः प्रतिदिन प्रमणम् ()
अनुभूतिः न भवेत् भोजनं न कर्तव्यम्। भोजनेन सा जलन पालव्यम् प्रतिदिन (oam)
कुशलम्। समय समये (ix)
त्वया अवश्य सूचनीयम्
रस्था-व्या वषय, दिल्लीतः, सुधायाः, त्वदीयः, व्यायाम, पर्याप्तम् नमस्ते वारस्वतिकृतिक विकि
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छात्र को अक्तूबर 2015 में स्कूल हास्टल और परिसर में आने से मना कर दिया गया था। वार्षिक परीक्षा उसने पुलिस सुरक्षा में आकर दी। नया सत्र शुरू होने के बाद अभिभावक के द्वारा कई बार प्रिंसीपल, रीजनल डायरैक्टर से बच्चे के स्कूल जाने के बारे में अपील की जा चुकी है। प्रिंसीपल ने पहले स्कूल में सुरक्षा का हवाला दिया। अंत में रीजनल डायरैक्टर ने अनुमति दे दी। उसके पिता के पास ऑर्डर लैटर आ चुका है। बीते सोमवार को जब वे स्कूल गए तो बच्चे को गेट पर ही रोक दिया गया। न ही प्रिंसीपल और वाइस प्रिंसीपल ने पूरे दिन के दौरान मिलने का समय दिया।
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