Music, asked by sneharanjan39, 1 year ago

Bhayanak Ras ki paribhasha​

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Answered by SimiEshu2002
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Answer:

इसका स्थायी भाव भय होता है जब किसी भयानक या अनिष्टकारी व्यक्ति या वस्तु को देखने या उससे सम्बंधित वर्णन करने या किसी अनिष्टकारी घटना का स्मरण करने से मन में जो व्याकुलता उत्पन्न होती है उसे भय कहते हैं | उस भय के उत्पन्न होने से जिस रस कि उत्पत्ति होती है उसे भयानक रस कहते हैं |

eg ; अखिल यौवन के रंग उभार, हड्डियों के हिलाते कंकाल

कचो के चिकने काले, व्याल, केंचुली, काँस, सिबार

Answered by ItZzMissKhushi
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Answer:

भयानक रस – भयप्रद वस्तु या घटना देखने सुनने अथवा प्रबल शत्रु के विद्रोह आदि से भय का संचार होता है। यही भय स्थायी भाव जब विभाव, अनुभाव और संचारी भावों में परिपुष्ट होकर आस्वाद्य हो जाता है तो वहाँ भयानक रस होता है। “एक ओर अजगरहि लखि, एक ओर मृगराय।

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