bhede aur bediya
वन के पशुओं ने एक मत से क्या तय किया और क्यों ? 'वन में प्रजातंत्र की स्थापना' का आशय
स्पष्ट कीजिए।
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वन के पशुओं ने एक मत से क्या तय किया और क्यों ? 'वन में प्रजातंत्र की स्थापना' का आशय स्पष्ट कीजिए।
हरिशंकर परसाई द्वारा लिखित व्यंग्यात्मक कहानी ‘भेड़ और भेड़िया’ में वन के पशुओं ने एक मत से यह तय किया था कि उनका वन्य जीवन अब इतना विकसित हो चुका है कि अब वहाँ पर लोकतंत्र की शासन-व्यवस्था स्थापित की जा सकती है। यहाँ की शासन व्यवस्था में अब नियम और कानून भी लागू किए जा सकते हैं और जंगलराज को खत्म किया जा सकता है।
वन में प्रजातंत्र की स्थापना से उद्देश्य यह था कि वन के पशु चाहते थे कि वन में जंगलराज खत्म जो जाये। जंगलराज में वहाँ पर कोई भी पशु अपनी मनमानी करता था और कोई नियम और कानून नहीं था। वन के पशु चाहते थे कि वन में लोकतंत्र की स्थापना हो और वहाँ पर नियम एवं कानून लागू किए जाएं जिसका सभी लोग पालन करें। इससे वन के सभी प्राणी निष्कंटक होकर और बिना भय के रह सकेंगे। वे अपना अपना मनचाहा प्रतिनिधि भी सुन सकेंगे जो वन के सभी प्राणियों के हितों का ध्यान रखें और जिससे किसी को भय ना हो।
Answer:
वन में प्रजातंत्र की स्थापना से उद्देश्य यह था कि वन के पशु चाहते थे कि वन में जंगलराज खत्म जो जाये। जंगलराज में वहाँ पर कोई भी पशु अपनी मनमानी करता था और कोई नियम और कानून नहीं था। वन के पशु चाहते थे कि वन में लोकतंत्र की स्थापना हो और वहाँ पर नियम एवं कानून लागू किए जाएं जिसका सभी लोग पालन करें। इससे वन के सभी प्राणी निष्कंटक होकर और बिना भय के रह सकेंगे। वे अपना अपना मनचाहा प्रतिनिधि भी सुन सकेंगे जो वन के सभी प्राणियों के हितों का ध्यान रखें और जिससे किसी को भय ना हो।
Most appropriate answer contributed by @bhatiamona.