Bhid se juda hokar apni banai lik par chalna iss vishay par 250-300 words likhen
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एक-दूसरे को देख कर लोग सीखते हैं, इसे एक प्रकार से 'भेड़ चाल' कहा जा सकता है। इसी 'भेड़ चाल' के चलते हम एक-दूसरेसे बहुत कुछ अच्छी बातें भी सीखते हैं और बहुत सारी ऐसी बातें भी जो हमारे लिए सही नहीं होती।
परंतु बातें चाहे अच्छी सीखी जाएं या बुरी सबकी चली गई एक जैसी राह पर चलना सही नहीं होता। जब व्यक्ति अपनी खुद की राह चुने और अपनी बनाई गई उस लकीर पर चले तो वह व्यक्ति ज़रूर सफल बनता है। तो सफलता की राह चुनने के लिए किसी भी व्यक्ति को अपनी स्वयं की राह बनाना ज़रूरी है।
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